File Photo
File Photo

    Loading

    राजस्थान: देश में कोरोना के मामले (Corona Cases) बढ़ते ही जा रहे हैं। ऐसे में आए दिन ऐसी-ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं, जो बेहद ही दर्दनाक और खौफनाक हैं, लेकिन ऐसी परिस्थिति में भी एक ऐसी खबर सामने आई है, जो काबिल-ए-तारीफ है। राजस्थान (Rajasthan) के उदयपुर (Udaipur) में एक शख्स ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जिसने इंसानियत की मिसाल कायम की है। शख्स ने एक मरीज की जान बचाने के लिए अपना रोज़ा (Ramadan Fast) ही तोड़ डाला। 

    बीते बुधवार को उदयपुर के रहने वाले इस शख्स ने दो मरीज को बचाने के लिए अपना रोजा तोड़ दिया था। ताकि वह दो मरीज महिलाओं को प्लाज्मा डोनेट कर सके और उनकी जान बचा सके। शख्स का नाम अकील मंसूरी हैै, जो एक सिविल कॉन्ट्रैक्टर के तौर पर काम करता है। अकील के इस नेक काम की तारीफ हर जगह की जा रही है। 

    एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शख्स को सोशल मीडिया नेटवर्किंग और ब्लड डोनर ग्रुप के जरिए इस बात की जानकारी मिली कि दो कोविड संक्रमित महिलाओँ को प्लाज्मा की जरूरत है। इन दो महिलाओं को A+ ब्लड ग्रुप के प्लाज्मा की जरूरत थी। ऐसे में मंसूरी ने पोस्ट को देखते ही अस्पताल की तरफ भागा और उन्हें प्लाज्मा डोनेट करने का फैसला लिया। अस्पताल पहुँचते ही डॉक्टर अकील मंसूरी को एंटीबॉडी टेस्ट के लिए ले गए, जहां डॉक्टरों ने बताया कि अकील प्लाज्मा डोनेट करने के लिए एक दम फिट हैं, लेकिन अकील सुबह से रोजा रखे हुए थे, इसलिए पहले उन्हें अपना रोज़ा तोडना पड़ा, फिर वह प्लाज्मा डोनेट कर पाएं। 

    मंसूरी ने कहा कि एक इंसान के तौर पर उन्होंने अपनी जिम्मेदारी पूरी की। रिपोर्ट्स के अनुसार, सितंबर 2020 में कोरोना से ठीक होने के बाद मंसूरी ने अब तक 17 बार अपना खून डोनेट किया है। मंसूरी ने बताया कि उन्होंने पहले भी प्लाज्मा डोनेट किया है और ठीक हुए सभी लोगों से अपील की है कि वो जरूरतमंद लोगों को प्लाज्मा जरूर डोनेट करें।