नई दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने चेन्नई स्थित एक निजी अस्पताल की ऊपर की चार मंजिलों का इस्तेमाल कोविड-19 के मरीजों के लिये करने की बुधवार को तमिलनाडु सरकार को अनुमति दे दी। शीर्ष अदालत ने तमिलनाडु सरकार से कहा कि उसे कोविड-19 के मरीजों का उपाचार करने वाले चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ और अन्य सुविधाओं की निजी अस्पताल के साथ मिलकर व्यवस्था करनी होगी। शीर्ष अदालत ने पिछले साल तीन जून को आठ मंजिला बिलरॉथ अस्पताल लि. की ऊपर की पांच मंजिलों को गिराने के मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगा दी थी।
उच्च न्यायालय ने भवन के स्वीकृत नक्शे का उल्लंघन करके निर्मित इन मंजिलों को गिराने का आदेश दिया था। शीर्ष अदालत ने उस समय अस्पताल को निर्देश दिया था कि वह इन पांच मंजिलों पर किसी भी प्रकार की गतिविधियां नहीं चलायेगा। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की पीठ ने इस मामले की वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये सुनवाई करते हुये तमिलनाडु सरकार को यह अनुमति प्रदान की। पीठ ने कहा कि राज्य सरकार अस्पताल की ऊपर की चार मंजिलों का अपने लिये इस्तेमाल कर सकती है।
इस अस्पताल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एन के कौल ने पीठ से इन मंजिलों का इस्तेमाल कोविड-19 के मरीजों के लिये करने की अनुमति मांगी और कहा कि इसमें ऐसे मरीजों के लिये कम से कम 150 बिस्तर लगाये जायेंगे। अस्पताल ने न्यायालय से कहा था कि उसने तमिलनाडु के 2017 के भवन विनियमन योजना के तहत इन मंजिलों के नियमितीकरण के लिये आवेदन किया है। इस अस्पताल में 250 बिस्तर हैं और इसका दावा है कि वह 2005-2006 से चल रहा है और प्राधिकारी एक महीने के अंदर उसके आवेदन पर निर्णय ले सकते हैं। (एजेंसी)