बीडीपी जोन में मलबा फेंकने का मामला : एनजीटी ने लगाई फटकार

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  • कुल 8 विभागों को भेजी नोटिस  

पुणे. शहर के आसपास के बायोडायवर्सिटी पार्क यानी बीडीपी जोन की सुरक्षा महापालिका पर सौंपी गई है, लेकिन मनपा द्वारा इसका उचित तरीके से ध्यान नहीं रखा जा रहा है. पहले से ही झोपड़ियो का यहां पर अतिक्रमण हुआ था. अब निर्माण कार्य से निकलने वाला मलबा भी बीडीपी जोन में फेंका जा रहा है. हाल ही में कोथरुड-बावधन के जोन में चांदनी चौक के नजदीकी लगभग 10-14 ट्रक द्वारा रोज यहां मलबा फेंका जा रहा था. 

इस बीच महापालिका प्रशासन ने इसके लिए महामेट्रो को जिम्मेदार माना था. इसको लेकर पर्यावरण सलाहकार द्वारा एनजीटी में याचिका दायर की थी. कोर्ट ने इसको लेकर महापालिका, मेट्रो, जिला प्रशासन, प्रदुषण नियामक मंडल को फटकार लगाई है. साथ ही एक कमिटी गठित कर 6 हफ्ते में इसकी रिपोर्ट भेजने के निर्देश कोर्ट द्वारा दिए गए है. 

बीडीपी के सुरक्षा की जिम्मेदारी मनपा की 

गौरतलब है कि पुणे शहर पहाड़ों के बीच बसा हुआ है, लेकिन अब धीरे-धीरे पहाड़ों पर अतिक्रमण कर वहां निर्माण कार्य किया जा रहा है. इसका पर्यावरण पर असर हो रहा है. इस वजह से शहर के आसपास बीडीपी जोन बनाए हैं. करीब 976 हेक्टर का बीडीपी जोन हैं. इसमें कोथरुड-बावधन इलाके के 279 हेक्टर पर बीडीपी जोन है. इसकी जिम्मेदारी महापालिका पर सौंपी गई है, लेकिन मनपा द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. पहले से ही झोपड़ियों का यहां पर अतिक्रमण हुआ था. अब निर्माण कार्य से निकलनेवाला मलबा भी बीडीपी जोन में फेंका जा रहा है. कोथरुड-बावधन के जोन में चांदनी चौक इलाके के पानी के टंकी के नजदीकी लगभग 10-14 ट्रक द्वारा रोज यहां मलबा फेंका जा रहा है. इससे पर्यावरण का नुकसान हो रहा है. साथ ही बारिश में यह मलबा बहकर सीधे नीचे के घरों पर आ गिरेगा, इससे और नुकसान होगा. 

कमिटी गठित करने के निर्देश 

इस बीच, महापालिका निर्माणकार्य विभाग की ओर से इसके लिए मेट्रो को जिम्मेदार माना गया था. उसी इलाके में मेट्रो के स्टेशन का काम कचरा डिपो के नजदीक चल रहा है. उसका मलबा फेंका जा रहा है. महामेट्रो की ओर से पल्ला झाड़ा गया था. महामेट्रो द्वारा कहा गया कि हमारे काम का कोई मलबा बीडीपी जोन में फेंका जा रहा है, ना हमारा कोई ट्रक वहां जा रहा है. फिर भी वहां मलबा फेंका जा रहा था. इस पर रोक पाने के लिए पर्यावरण सलाहकार राकेश धोत्रे द्वारा एनजीटी में याचिका दायर की थी. इसके अनुसार कोर्ट ने सम्बंधित सभी विभागों को फटकार लगाई है. इसमें मेट्रो, महापालिका, जिला प्रशासन, पर्यावरण विभाग ऐसे कुल 8 विभागो को कोर्ट द्वारा नोटिस भेजी है. साथ ही महापालिका, जिला प्रशासन और महाराष्ट्र प्रदुषण नियामक मंडल को एक कमिटी गठित करने के निर्देश दिए है. साथ ही 6 हफ्तों के अंदर रिपोर्ट पेश करने के लिए भी कहा गया है.

मैंने राष्ट्रीय हरित लवाद के साथ एक याचिका दायर की है. क्योंकि पुणे मेट्रो और बिल्डर चांदनी चौक में जैव विविधता आरक्षण के साथ क्षेत्र में अवैध रूप से निर्माण कार्य मलबा  फेंक रहे है.  एनजीटी ने इस पर गंभीरता से ध्यान दिया है.  उसके लिए न्यायालय का धन्यवाद. कोर्ट ने निर्देश दिए है कमिटी गठित कर रिपोर्ट पेश करें. यह निश्चित है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. हमने कोर्ट  से भी अपील की है ताकि कोई भी निजी या सरकारी निकाय फिर से पर्यावरण कानूनों का उल्लंघन करने की हिम्मत न करे. – राकेश धोत्रे, याचिकाकर्ता और पर्यावरण सलाहकार