पूना अस्पताल की जांच करें

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  • मनसे गुटनेता वसंत मोरे ने लगाया बिल में हेराफेरी के आरोप

पुणे. मनसे के मनपा गुटनेता वसंत मोरे ने आरोप लगाया है कि शहर के पूना और नवले अस्पताल द्वारा मरीजों के बिल और दवाओं में हेराफेरी की जा रही है. इलाज के नाम पर अस्पतालों द्वारा नागरिकों से लूट की जा रही है. इस वजह से इन दोनों अस्पतालों की जांच करें. ऐसी मांग मोरे ने महापालिका कमिश्नर से की है.

मनपा ने किया है करार

वसंत मोरे ने पत्रकार परिषद में कहा कि रोगियों का मनपा और पूना अस्पताल के बीच समझौते के अनुसार नि: शुल्क इलाज किया जाता है, हालांकि संबंधित रोगियों के परिजनों को दैनिक दवाओं के नुस्खे चिकित्सा संचालक द्वारा प्रदान नहीं किए जाते हैं. WhatsApp और भुगतान Google पे के माध्यम से स्वीकार किए जाते हैं. हर रोगी को प्रतिदिन लगभग 3 से 10 हजार नुस्खे भेजे जाते हैं. मोरे के अनुसार  इसी तरह, 7 अगस्त को रोगी कृष्णा गोंभरे की जांच डॉ. दिघे पेरिमंडल मेडिकल ऑफिसर द्वारा की गई. उसने शिकायत की थी. उसके बाद  किए  गए निरीक्षण के बाद आज तक संबंधित रोगी को बिल को लेकर कोई संदेश नहीं दिया गया. इसका मतलब है कि ऊपर दिए गए सभी बिल फर्जी प्रारूप में हैं. 

सभी बिलों की जांच होनी चाहिए 

मोरे ने मांग की कि  मरीजों को दिए गए सभी बिलों की जांच होनी चाहिए कि वास्तव में मेडिकल और पूना अस्पताल कैसे काम करता है. मोरे ने कहा कि नवले अस्पताल में भी इसी तरह से लूट की जा रही है. मोरे के अनुसार  10 अगस्त 2020 को दोपहर 1 बजे मुझे नवले  हॉस्पिटल के बारे में शिकायत मिली. 65 वर्षीय हौसबाई मारुति रंजने जिन्हें पुणे नगर निगम द्वारा संक्रमित कोरोना के रूप में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. रंजने का 7 दिनों तक इलाज किया गया.

लूट अब थमनी चाहिए

 पुणे मनपा  के उपलब्ध बेड के अंतर्गत उन्हें 7 दिनों के बाद छुट्टी दे दी गई.  घर आने के बाद नवले अस्पताल से मरीज का बेटा सुहास मारुति रंजने को 8788426063 से कॉल आया और कहा गया कि अस्पताल से आपका मरीज भाग गया है. 35,000 रुपये का भुगतान करें, अन्यथा हम पुलिस में शिकायत दर्ज करा कर आपके खिलाफ मामला दर्ज करेंगे. इसी तरह से होनेवाली नागरिकों की लूट अब थमनी चाहिए. ऐसी मांग मोरे ने की है.