CP Krishna prakash

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    पिंपरी. कोरोना संक्रमित मरीज (Patient) को आईसीयू बेड उपलब्ध कराने के लिए एक लाख रुपए ऐंठने के मामले में गिरफ्तार किए गए तीनों डॉक्टरों को 6 मई तक पुलिस कस्टडी (Police Custody) में भेजा गया है। पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) और सरकारी कोविड सेंटर (Government Covid Center) में मरीजों का इलाज (Treatment) पूरी तरह से मुफ्त (Free)  में किया जाता है। यहां इलाज या बेड के लिए अगर कोई पैसों की मांग करता है या मांग कर चुका है तो उसके खिलाफ शिकायत करें। यह अपील पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश (Police Commissioner Krishna Prakash) ने एक संवाददाता सम्मेलन के जरिए की है। 

    पुलिस कस्टडी में भेजे गए डॉक्टरों में फॉर्च्यून स्पर्श हेल्थ केयर के डॉ. प्रवीण शांतवन जाधव, चिंचवड़ वाल्हेकरवाडी के पद्मजा हॉस्पिटल के डॉ. शशांक भरत राले और डॉ. सचिन श्रीरंग कसबे का समावेश है। उनके खिलाफ पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका के अतिरिक्त आयुक्त उल्हास जगताप ने पिंपरी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है। बहरहाल पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि जिस कोरोना ग्रस्त मृतक महिला के परिजनों से पैसे लिए गए उस महिला के हाथ से सोने की दो अंगूठी भी गायब है। 

     एक लाख रुपए लेकर आईसीयू बेड उपलब्ध कराया

    चिंचवड के ऑटो क्लस्टर में मनपा की ओर से जंबो कोविड हॉस्पिटल शुरू किया गया है जिसका संचालन फॉच्र्युन स्पर्श हेल्थ केयर को सौंपा गया है। यहां मरीजों का सारा इलाज मुफ्त किया जाता है और संस्था को मनपा की ओर से सारा भुगतान किया जाता है। इसके बावजूद यहां आईसीयू बेड उपलब्ध कराने के लिए एक मरीज के परिजनों से एक लाख रुपए लिए गए। मनपा स्कूल की मुख्याध्यापिका सुरेखा अशोक वाबले के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद उनका वाल्हेकरवाड़ी के पद्मजा नामक अस्पताल में इलाज जारी था। तबियत बिगड़ने से उन्हें आईसीयू बेड की आवश्यकता बताई गई। वहां के डॉक्टरों ने उसके परिजनों से एक लाख रुपए लेकर ऑटो क्लस्टर के जंबो कोविड सेंटर में आईसीयू बेड उपलब्ध कराया। बाद में मुख्याध्यापिका की इलाज के दौरान मौत हो गई। 

    मनपा के अतिरिक्त आयुक्त ने रिपोर्ट दर्ज कराई

    चिखली के स्थानीय नगरसेवक कुंदन गायकवाड़ को इसकी भनक लगी। उन्होंने भाजपा के अपने साथी नगरसेवक विकास डोलस के साथ पहले ऑटो क्लस्टर और बाद में पद्मजा हॉस्पिटल में जाकर इसका जवाब मांगा। पद्मजा के डॉक्टर ने एक लाख रुपए स्वीकारने की बात कबूल की। इसमें से डॉ प्रवीण जाधव ने 80 हजार और डॉ शशांक राले व डॉ सचिन कसबे ने 20 हजार लिए। शुक्रवार को सर्वसाधारण सभा में सर्वदलीय नगरसेवकों ने इस मुद्दे पर प्रशासन को आड़े हाथों लिया। इस पर महापौर ऊषा ढोरे ने इस मामले में पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने के आदेश दिए। इसके अनुसार मनपा के अतिरिक्त आयुक्त उल्हास जगताप ने पिंपरी पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।इसके अलावा मनपा आयुक्त ने भी पुलिस आयुक्त को एक पत्र भेजकर इस मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की। इसके बाद पुलिस ने देर रात तीन डॉक्टरों को गिरफ्तार कर लिया।