Conspiracy to make 217 Corona warriors of YCM Hospital unemployed, labor leader Yashwant Bhosale war
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    पिंपरी. कोरोना महामारी (Corona Pandemic) में काम करने वाले किसी को भी नौकरी से न निकालें। केंद्र (Central)और राज्य सरकार (State Government) के उन्हें स्थायी रूप से नियुक्त करने के आदेश दिए हैं। इसके बावजूद पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका प्रशासन (Pimpri-Chinchwad Municipal Administration) ने विपरीत भूमिका निभाई है। महानगरपालिका 1 अगस्त से वाईसीएम अस्पताल (YCM Hospital) के चतुर्थ श्रेणी के 217 ठेका कर्मचारियों की छंटनी करने जा रहा है, जो कोरोना काल में जान जोखिम में डालकर मरीजों की सेवा कर रहे हैं। बिना किसी पूर्व सूचना के इन कोरोना योद्धाओं को बेरोजगार करने की कोशिश की जा रही है।

    इस फैसले को तत्काल स्थगित करें अन्यथा न्यायालयीन लड़ाई के साथ सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने की चेतावनी मजदूर नेता और राष्ट्रीय श्रमिक आघाड़ी के अध्यक्ष यशवंत भोसले (Yashwant Bhosale) ने दी है। इस संबंध में भोसले ने महनगरपालिका कमिश्नर राजेश पाटिल से मुलाकात की और उक्त कर्मचारियों का पक्ष रखा। नए ठेकेदारी के अनुबंध को स्थगित करने की मांग की।  इस पर आयुक्त पाटिल ने सकारात्मक फैसला लेने की गवाही दी। भोसले ने पुणे के श्रम उपायुक्त से मिलकर भी न्याय की गुहार लगाई है। इसके साथ ही कोरोना से उत्पन्न स्थिति में ठेका श्रमिकों के वेतन, सेवा की शर्तों के साथ-साथ श्रमिकों की सेवा के संबंध में श्रम अधिनियम के प्रचलित प्रावधानों के अनुसार समान कार्य के लिए समान वेतन जारी रखने की उचित कार्रवाई की जाए, ऐसा श्रम उपायुक्त ने महानगरपालिका कमिश्नर राजेश पाटिल को पत्र लिखकर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत नए टेंडर को स्थगित करने को कहा है। इसकी जानकारी यशवंत भोसले ने एक संवाददाता सम्मेलन के जरिये दी है।

    कोरोना योद्धा के रूप में सम्मानित किया गया

    भोसले ने कहा कि, वाईसीएम हॉस्पिटल के 217 संविदा कर्मियों द्वारा गलियारों, आंतरिक और बाहरी सड़कों, बगीचों, नालों, जल निकासी लाइनों की सफाई के साथ-साथ मरीजों, नर्सों और डॉक्टरों की देखभाल की जा रही है। वह 2005 से करीब 16 साल से सफाई कर्मचारी के तौर पर काम कर रहे हैं, जब कोरोना महामारी के समय मरीजों के खून के रिश्ते भी दूर हो रहे थे। कोरोना संक्रमित मरीजों की सेवा के लिए उन्हें देवदूत कोरोना योद्धा के रूप में सम्मानित किया गया। इसलिए केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, राज्य उद्योग एवं ऊर्जा ने कोरोना काल में ठेका श्रमिकों को बेरोजगार न करने या उनके वेतन में कटौती नहीं करने के आदेश जारी किए हैं। हालांकि, महानगरपालिका प्रशासन ने कोरोना योद्धाओं  का सम्मान करने के बजाय सीधे उन्हें बर्खास्त करने का फैसला किया।  

    महानगरपालिका ने कुशल, अर्धकुशल और अकुशल श्रमिकों का वेतन निर्धारित किया है

    महानगरपालिका ने 22 जुलाई को वाईसीएम में सफाई कार्य श्री कृपा सर्विसेज को सौंपा। एक अगस्त से जारी हुआ वर्क ऑर्डर पहले श्रमिकों को 20,000 रुपये से 21,000 रुपये का भुगतान किया जा रहा था और यह ठेकेदार 10,000 रुपये से 12,000 रुपये प्रति माह का भुगतान करेगा। यहां केवल 165 श्रमिकों को ही रोजगार दिया जाएगा। क्योंकि नए ठेकेदार कम वेतन पर काम कर रहे होंगे, इसलिए महानगरपालिका ने समान काम के लिए समान वेतन अधिनियम का उल्लंघन कर उन्हें काम पर रखा है। महानगरपालिका ने कुशल, अर्धकुशल और अकुशल श्रमिकों का वेतन निर्धारित किया है। इस हिसाब से संविदा कर्मचारियों को 20,000 रुपये से 21,000 रुपये वेतन दिया जाता है।

    कोरोना योद्धाओं के साथ अन्याय नहीं होने देंगे

    हालांकि महानगरपालिका ने अपने फैसले में बदलाव किया है। समान काम समान वेतन ने भी कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है। भोसले ने बताया कि, आयुक्त राजेश पाटिल ने आश्वासन दिया है कि वह सब कुछ जांच कर निर्णय लेंगे। भोसले ने विश्वास भी जताया कि वह इन कोरोना योद्धाओं के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। नई निविदा को आयुक्त द्वारा स्थगित किया जाना चाहिए। 217 संविदा कर्मचारियों को कार्यरत रहना चाहिए, नहीं तो मनपा प्रशासन के खिलाफ कोर्ट की लड़ाई लड़ी जाएगी। कोर्ट के फैसले की अवमानना ​​में याचिका दायर की जाएगी, भोसले ने यह भी चेतावनी दी कि एक अगस्त से श्रमिकों के साथ तीव्र आंदोलन होगा।