समाजसेवा के माध्यम से नागरिकों की मदद!

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– एनसीपी नगरसेवक भैयासाहेब जाधव करते हैं 80% समाजसेवा

पुणे. राजनीति में आने से पहले कार्यकर्ता व राजनेताओं को पाठ सिखाया जाता है कि 20% राजनीति व 80% समाजसेवा करें, लेकिन राजनेता इस सिद्धांत के विपरीत यह तत्व भूलकर 80% राजनीति करते रहते हैं. इसी कारण नागरिक मूलभूत सुविधाआओं से वंचित रह जाते हैं. अब कोरोना की कालावधि में तो राजनेता अपनी जनता को भूल ही गए हैं. लेकिन कई राजनेता ऐसे भी हैं जो सिर्फ समाजसेवा का काम कर रहे हैं. इसमें शहर के एनसीपी के नगरसेवक भैयासाहेब जाधव का नाम पहले नंबर पर लिया जाएगा.

लोगों को राशन देने से लेकर उनकी शादी में सहायता करने तक के कई काम जाधव कर रहे हैं. उनके द्वारा ऐसे लोगों को भी सहायता की जा रही हैं, जो उनके प्रभाग के नहीं है. इस वजह से उनके काम की सराहना की जा रही है.

लॉकडाउन में फंसे हुए लोगों को काफी मदद

ज्ञात हो कि कोरोना महामारी ने पूरे विश्व को परेशान करके रखा है. हाल ही में देश व राज्य में लॉकडाउन में शिथिलता लाई गई है, लेकिन विगत 70 दिन तक लोग इससे जूझ रहे थे. प्रशासन द्वारा अपनी ओर से पूरी मेहनत की जा रही थी. लेकिन वह मदद कम पड़ रही थी. हर बार चमकोगीरी करनेवाले नगरसेवक व राजनेता लोग भी मदद करने आगे नहीं आ रहे थे. लेकिन कोरोना का डर पीछे रखकर एनसीपी के नगरसेवक भैयासाहेब जाधव लोगों की सहायता करने आगे आ गए. शुरू में उन्होंने माइक हाथ में लेकर इलाके के नागरिकों को कोरोना से बचने की जानकारी देना शुरू किया. उसके बाद गरीबों को राशन देने का काम किया. साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की कि जिन्हें मदद चाहिए ऐसे लोग तत्काल आकर मिले. ऐसे कई लोग उन्हें आकर मिलने लगे व भैया साहब उनकी मदद में जुट गए.

शादी कराने से भी पीछे नहीं हटे

जिन लोगों की शादी पहले से तय हो चुकी थी, ऐसे लोग लॉकडाउन के कालावधि में फंस गए थे. सरकार ने बाद में इसे अनुमति तो दी, लेकिन फिर भी कई लोगों को पुलिस की सहायता नहीं मिल रही थी. ऐसे लोगों को सहायता करने के लिए जाधव आगे आ गए. लोगों को उनके शादी में सहायता करने तक के कई काम जाधव कर रहे हैं. इसमें भी सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन कर सभी काम किया जाता है. उनके द्वारा ऐसे लोगों को सहायता की जा रही हैं, जो उनके प्रभाग के नहीं है. इस वजह से उनके काम की सराहना की जा रही है.

पूरा परिवार कर रहा है काम

कोरोना के कालावधि में लोगों की सहायता करने का काम सिर्फ भैयासाहेब जाधव नहीं, बल्कि उनका पूरा परिवार कर रहा है. उनके भाई डॉक्टर है, जो कोरोना के काल में भी आम लोगों का इलाज कर रहे थें. जहां सभी निजी अस्पताल बंद थे, वहां डॉक्टर का अस्पताल लोगों के लिए खुला था. साथ ही उनकी बीवी व भाभी मनपा में स्वास्थ्य अधिकारी के तौर पर काम कर रहे है. ये लोग भी अपने बच्चों से दूर रहकर लोगों की सेवा करने का काम कर रहे है. सभी राजनेता अगर जाधव जैसे 80% समाजीकरण करेंगे तो समाज में काफी बदलाव आएगा.