पिंपरी. दृष्टिहीनों की व्यथा, उनकी वेदना, उनकी जरूरत को समझने के लिए पिंपरी-चिंचवड़ के पुलिस कमिश्नर कृष्णप्रकाश आंखों पर पट्टी बांधकर सफेद छड़ी के सहारे कार्यक्रम के मंच पर पहुंचे. उनकी इस कृति की समाज के हर स्तर से सराहना की जा रही है. यहां तक कि राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख, जो पुलिस बल की हर छोटी- बड़ी उपलब्धि पर कर्मचारियों और अधिकारियों का हौसला बढ़ाने में आगे रहते हैं, भी उनका कायल हुए बिना नहीं रह सके. उन्होंने एक ट्वीट के जरिए पुलिस बल के परिवार प्रमुख के नाते ‘आर्यन मैन’ पुलिस कमिश्नर कृष्णप्रकाश की कृति पर अभिमान जताया.
दृष्टिहीनाच्या दुर्दम्य इच्छाशक्तीला अशा उपक्रमांची जोड गरजेची असते. त्यांच्या स्वाभिमानाचा आदर करतानाच आपल्याला जी मदत शक्य आहे ती केली पाहिजे. आपण केलेली ही मदत कौतुकास्पद आहे. पोलीस दलाचा कुटुंबप्रमुख म्हणून आपल्या या कृतीचा मला अभिमान आहे. https://t.co/dGH5sGGziU
— ANIL DESHMUKH (@AnilDeshmukhNCP) October 16, 2020
‘चलो किसी का सहारा बनें’ समारोह में की थी शिरकत
‘विश्व दृष्टिहीन दिवस’ पर समाज के वंचित उपेक्षित घटकों को मुख्य धारा में लाने के लिए प्रेरणा असोसिएशन फॉर दि ब्लाईंड और ‘जितो पिंपरी चिंचवड़’ की ओर से पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस आयुक्तालय में को ‘चलो किसी का सहारा बनें’ नामक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में दृष्टिहीनों की व्यथा, उनकी वेदना, उनकी जरूरत को समझने के लिए पुलिस कमिश्नर कृष्णप्रकाश ने खुद की आंखों पर काली पट्टी बांधी और छड़ी के सहारे कार्यक्रम के मंच पर पहुंचे. यही नहीं उन्होंने अपने विशिष्ट अंदाज में दृष्टिहीनों को उज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी. इसमें उनके हाथों अंधेरे से उज्वल भविष्य का सपना देखने वाले दृष्टिहीनों को सफेद छड़ी का वितरण किया गया.
सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुईं तस्वीरें
पुलिस कमिश्नर कृष्णप्रकाश के इस अंदाज और कृति की न केवल पिंपरी-चिंचवड़ बल्कि पूरे जिले और राज्य में सराहना की गई. इस विशेष कार्यक्रम की तस्वीरें और खबरें सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई. पुलिस आयुक्तालय के वेबपोर्टल पर भी इस कार्यक्रम की तस्वीरों को पोस्ट किया गया था. इन्हीं तस्वीरों को रिट्वीट करते हुए राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने एक ट्वीट कर पुलिस आयुक्त कृष्णप्रकाश की सराहना की. उन्होंने ट्वीट में कहा है कि दृष्टिहीनों की दुर्दम्य इच्छशक्ति को ऐसे उपक्रमों के जोड़ की आवश्यकता होती है. उनके स्वाभिमान का आदर रखते हुए उनके लिए जो मदद संभव है वह करनी चाहिए. आपने जो मदद की है वह निश्चित रूप से सराहनीय है. पुलिस दल के परिवार प्रमुख के नाते आपकी इस कृति का मुझे अभिमान है.