भूमि अधिग्रहण अंतिम चरण में !

  • चांदनी चौक उड़ानपुल, अब विभागीय आयुक्त की मुहर शेष

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पुणे. भूमि अधिग्रहण ना हो पाने की वजह से चांदनी चौक उड़ान पुल का काम अधर में लटकता जा रहा था. जिन लोगों की भूमि अधिग्रहित करनी है, उसमें से कई लोग टीडीआर लेने के लिए तैयार नहीं थे. ये लोग नकद मुआवजे की मांग कर रहे थे. मनपा प्रशासन ने 83 प्रतिशत जमीन पर कब्जा कर जमीन एनएचआई को दे दी है. 52 लोग शेष बचे थे, वह लोग अपनी जगह नहीं दे रहे थे. फिलहाल मनपा ने यहां पर काम करने के लिए शुरूआत तो की है, लेकिन पूरी जमीन कब्जे में नहीं आई है.

इस बीच मनपा प्रशासन ने कानून का सहारा लेकर इन लोगों के भूमि का कब्जा लेने के मनपा प्रशासन ने जिला प्रशासन को पत्र भेजा था. जिलाधिकारी ने भरोसा दिलाया था कि शेष भूमि का अधिग्रहण कर सभी जमीन मनपा के कब्जे में दी जाएगी. उसके अनुसार जिलाधिकारी ने सभी प्रक्रिया पूरी कर ली है. अब इस पर विभागीय आयुक्त भी सकारात्मक है. उनकी मुहर अगले हफ्ते लग जाएगी. उसके बाद सभी भूमि एनएचएआई के हवाले की जाएगी. ऐसी जानकारी महापालिका उपायुक्त वनश्री लाभसेटवार ने दी.

कुल 28 हेक्टेयर का करना था भूमि अधिग्रहण

ज्ञात हो कि इस पुल के लिए करीब 28 हेक्टेयर जमीन का भूमि अधिग्रहण करना है. महापालिका के हाथ में 83 प्रतिशत जगह आयी है. इसमें से 13 हेक्टर जगह निजी है. तो कई जगह बीडीपी के लिए आरक्षित की गयी है. पहले चरण में भूमि अधिग्रहण के लिए मनपा द्वारा 86 करोड़ खर्च किए है. उसके बाद अब दूसरे चरण में करीब 10.60 हेक्टर जमीन का भूमि अधिग्रहण किया गया है. इसमें करीब 79 जगह मालिकों का समावेश है. इसमें से 5.75 हेक्टर जमीन के मालिकों को 130 करोड़ का निधि अदा करना है, तो शेष 5.4 हेक्टर जमीन के मालिकों को टीडीआर व एफएसआई के माध्यम से मुआवजा दिया जाएगा. इसे हाल ही में मंजूरी भी दे दी है.

इस बीच जो 52 लोग शेष रहे थे, वह लोग जगह नहीं दे रहे थे. साथ ही ये लोग ज्यादा मुआवजे की मांग कर रहे थे. इस वजह से यहां पर कब्जा नहीं हो पा रहा था. इससे महापालिका की सिरदर्द बढ़ गयी थी. फिलहाल मनपा ने यहां पर काम करने के लिए तो शुरूआत की है, लेकिन पूरी जमीन कब्जे में नहीं आई है. इस बीच अब बाधितों के इस मांग से प्रशासन फिर उलझन में पड़ गयी थी.

जिला प्रशासन ने की सहायता

इस प्रकल्प के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए राज्य सरकार की ओर से महापालिका को 185 करोड़ का अनुदान मंजूर किया गया है. उसमें से  कुल 74 करोड़ महापालिका को प्राप्त हुए है. मनपा के पास अब ज्यादा राशि नहीं है. इस वजह से अब इन लोगों के भूमि का कब्जा लेने के मनपा प्रशासन ने जिला प्रशासन को पत्र भेजा था.  इस बारे में मनपा उपायुक्त वनश्री लाभसेटवार ने कहा कि इसके भूमि अधिग्रहण को लेकर उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के साथ बैठक हुई थी. उन्हें प्रकल्प का प्रस्तुतीकरण भी दिया गया था.

भूमि अधिग्रहण के नए नियमानुसार अब तत्काल अधिग्रहण करना जरुरी था. उपमुख्यमंत्री के सूचना के बाद जिलाधिकारी ने भरोसा दिलाया था कि 40 दिनों में पुरे जमीन का अधिग्रहण कर मनपा को कब्ज़ा दिया जाएगा. लाभसेटवार के अनुसार जिलाधिकारी ने सभी प्रक्रिया पूरी कर ली है. अब इस पर विभागीय आयुक्त भी सकारात्मक है. उनकी मुहर अगले हफ्ते आचारसंहिता के बाद लग जाएगी. उसके बाद सभी भूमि एनएचएआई के हवाले की जाएगी. उसके बाद असल में काम शुरू हो जाएगा. हमें खुशी है कि हमने यह काम 9 माह में पूरा किया. साथ ही जिला प्रशासन ने भी हमें अच्छा सहयोग दिया.

2013 के भूमि अधिग्रहण नियम के अनुसार पूरी जमीन का कब्ज़ा जरुरी था. अतएव हमने जिला प्रशासन को प्रस्ताव भेजा था. उन्होंने हमें सभी प्रक्रिया पूरी करके दी है. इस पर विभागीय आयुक्त भी सकारात्मक है. उनकी मुहर अगले हफ्ते आचारसंहिता के बाद लग जाएगी. उसके बाद सभी भूमि एनएचएआई के हवाले की जाएगी. मनपा की यह सबसे बड़ी उपलब्धि है.

– वनश्री लाभसेटवार, उपायुक्त, मनपा