कन्टेनमेंट जोन में ड्रोन के बाद अब अधिकारियों का पहरा!

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पुणे. महापालिका प्रशासन द्वारा तय किए गए कन्टेनमेंट जोन में कोरोना का प्रभाव ज्यादा है. इन इलाकों को फोकस कर महापालिका विभिन्न उपययोजनाए मुहैया कर रही है. इन इलाकों के नागरिकों में जनजागृति करना भी बेहद जरुरी है. इस वजह से इन प्रतिबंधित क्षेत्रों पर ड्रोन कैमेरा के माध्यम से नजर रखी जा रही है. 

इसके बाद यहां पर अधिकारियों द्वारा पहरा किया जाएगा. उसके लिए महापालिका प्रशासन ने उप अभियंता व शाखा अभियंता की नियुक्ति की है. इन लोगों को पुलिस के माध्यम से दिन में तीन बार पैट्रोलिंग करना पड़ेगा. हाल ही में मनपा अतिरिक्त आयुक्त रूबल अग्रवाल द्वारा यह निर्देश जारी किए हैं.

कन्टेनमेंट जोन पर फोकस

पुणे शहर कोरोना संक्रमण के चपेट में आया है. देश में सबसे ज्यादा तेज़ी से यहां पर कोरोना संक्रमण हो रहा है. केंद्र सरकार ने भी इसकी पुष्टि कर दी है. शहर से कोरोना पर रोक पाने के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रयास किए जा रहे है. फिर भी इस पर काबू पाना मुश्किल हो गया है. महापालिका प्रशासन की माने तो कोरोना ने झोपड़पट्टी इलाकों को अपने घेरे में लिया है. इसमें प्रमुख 5 क्षेत्रीय कार्यालयों का समावेश हैं. इसमें भवानी पेठ, शिवाजी नगर, ढोले पाटिल रोड़, कसबा-विश्रामबागवाड़ा व येरवड़ा क्षेत्रीय कार्यालय का समावेश है. उसमें भी प्रमुख 8 झोपड़पट्टियां हैं, जिस पर कोरोना का ज्यादा प्रभाव है. इन इलाकों को रेड जोन घोषित किया है. साथ ही अब नए 66 सूक्ष्म प्रतिबंधित क्षेत्र बनाए गए हैं.

उप अभियंता व शाखा अभियन्तो की नियुक्तियां

ज्ञात हो कि  कन्टेनमेंट जोन में लोगों में जनजागृति करना बेहद जरुरी हो गया है. लेकिन मनपा व पुलिस कर्मी भी वहां जाने से कतरा रहे है. इस वजह से मनपा आयुक्त के साथ बैठक में फैसला लिया गया था की पुलिस को ड्रोन कैमरे उपलब्ध कराके दिए जाए. उसके अनुसार ड्रोन के माध्यम से पुलिस कन्टेनमेंट जोन पर नजर रख रही है. इसके बाद यहां पर अधिकारियों द्वारा पहरा किया जाएगा. उसके लिए महापालिका प्रशासन ने उप अभियंता व शाखा अभियन्तो की नियुक्ति की है. लगभग 66 अधिकारियों की यहां नियुक्तियां की गई हैं.

दिन में 3 बार करनी होगी पैट्रोलिंग

इन लोगों को पुलिस के माध्यम से दिन में 3 बार पैट्रोलिंग करना पड़ेगा. हाल ही में मनपा अतिरिक्त आयुक्त रूबल अग्रवाल द्वारा यह निर्देश जारी किए हैं. निर्देश के अनुसार इन अधिकारियों को प्रतिबंधित क्षेत्रों के नागरिकों के समस्याओं का निपटारा करना होगा. वहा सोशल डिस्टन्सिंग के नियम का अनुपालन करना होगा. साथ ही दुकानदारों को जो नियम दिए हैं, उनका पालन होता है या नहीं, इस पर नजर रखनी होगी. स्थिति हद से बाहर जा रही हो तो पुलिस कार्यवाही भी करनी होगी.