पुणे रेल मंडल के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. शिंदे को रेल मंत्री पुरस्कार

Loading

पुणे. पुणे रेल मंडल द्वारा मानव संसाधन (एचआर) गतिविधियों  के क्षेत्र में लगातार नए-नए उपक्रम किए जा रहे हैं, जिससे मंडल पर कार्यालय का सभी कामकाज डिजिटाइज़, कंप्यूटर बेस और पेपरलेस कर दिया गया है. इससे कर्मचारियों के सर्विस रिकॉर्ड सहित सभी संबंधित कार्य अब डिजिटाइज पद्धति से ऑनलाइन और पारदर्शी  तरीके से संपन्न किए जा रहे हैं.

इस मामले में पुणे रेल मंडल पूरे भारतीय रेल पर अपनी अलग पहचान बनाए हुए हैं, जिसकी वजह से उसे उत्कृष्ट डिजिटाइजेशन कार्यों के लिए सर्वश्रेष्ठ मंडल के तौर पर चुना गया है. एचआर कार्य को नवीकरण के जरिए करने में पुणे रेल मंडल के वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी डॉ. तुशाबा शिंदे ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इसी आधार पर पूरे भारतीय रेल पर डॉ. तुशाबा शिंदे को राष्ट्रीय स्तर पर रेल मंत्री अवार्ड देने की घोषणा की गई है.  

2018 से पुणे मंडल में दे रहे सेवा

डॉ तुशाबा शिंदे 2007 बैच के भारतीय रेल कार्मिक सेवा (आईआरपीएस) के वरिष्ठ अनुभवी अधिकारी हैं. जून 2018 से पुणे मंडल पर आने के बाद से ही अपनी दूरदृष्टि के कारण मानव संसाधन में सूचना प्रौद्योगिकी को लाने की आवश्यकता को उन्होंने महसूस किया और उसे सफलतापूर्वक लागू किया. इसके अलावा वे जहां भी तैनात रहे वहां पर उन्होंने इसे लागू करने में भरसक कार्य किया है.

HRMS संबंधित मॉड्यूल विकसित करने में पहल

उन्होंने मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली (HRMS) से संबंधित सभी मॉड्यूल जैसे कि रेल कार्मिक सेवा एंड्राइड ऐप, सर्विस रजिस्टर, चयन, रिक्तियों का आकलन, अधिसूचना, कार्यालय आदेश, अवकाश मॉड्यूल, पास मॉड्यूल, क्वार्टर मॉड्यूल जैसे विभिन्न मॉड्यूल विकसित करने के लिए पहल की. सेवानिवृत्ति मॉड्यूल, अनुकंपा पर नियुक्ति मॉड्यूल, कर्मचारियों के वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (ई-एपीएआर), मॉड्यूल विकसित और कार्यान्वित भी किए गए. पुणे रेल मंडल कर्मचारियों के सेवा संबंधी सभी कार्य डिजिटल करने की अनोखी कार्यप्रणाली से प्रभावित होकर रेलवे के अन्य मंडलों, मुख्यालय सहित अन्य सरकारी, अर्ध सरकारी कार्यालयों ने भी इस अनोखे उपक्रम को अपनाने में अपनी रुचि दिखाते हुए पुणे से इसकी जानकारी लेकर गए हैं. इस तरह पुणे रेल मंडल इस दिशा में एक रोल मॉडल की भूमिका भी निभा रहा है.

सीबीटी मॉड्यूल भी विकसित किया

डॉ. शिंदे के प्रयासों से भारतीय रेलवे पर पहली बार कंप्यूटर आधारित टेस्ट (सीबीटी) मॉड्यूल भी विकसित किया है, जिसका भारतीय रेल के अन्य 20 मंडलों द्वारा अनुकरण किया गया है. इस मॉड्यूल के माध्यम से सभी विभागीय परीक्षाएं आयोजित की जा रही हैं. इसके कारण, परीक्षा और परिणाम पूरी सटीकता के साथ थोड़े समय में घोषित किए जाते हैं.

पुणे मंडल को पेपरलेस बनाया

उन्होंने पुणे मंडल पर  ई-ऑफिस को सफलतापूर्वक लागू किया. इसके कारण पेपरलेस कार्यालय की अवधारणा को लागू किया गया है.  इसके कारण, सभी विभागों के कार्य कुशलतापूर्वक कागज रहित तरीके से हो रहे हैं. पुणे मंडल के डिजिटलीकरण के कारण, विभागीय  परीक्षाओं सहित सभी मानव संसाधन गतिविधियों को ऑनलाइन किया जा रहा है. पुणे मंडल का कार्मिक विभाग न केवल भारतीय रेलवे में, बल्कि सरकारी क्षेत्र में भी एक अनूठा विभाग है, जहां पेपर लेस कार्य किया जा रहा है. डॉ  शिंदे की इस उपलब्धि पर मंडल रेल प्रबंधक रेणु शर्मा, अपर मंडल रेल प्रबंधक सहर्ष बाजपेयी, नीलम चंद्रा सहित सभी अधिकारियों, कर्मचारियों ने खुशी प्रकट की है और उन्हें बधाई दी है.