Know why a person experiences loneliness?

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-सीमा कुमारी

हर इंसान कभी न कभी अकेलेपन का अनुभव ज़रूर करता है, क्योंकि हर किसी की ज़िंदगी में खुशी और गम दोनों आता हैं. खुशी में वह हर किसी को अपने साथ देखता है, और वहीं दुःख में चाहे उसके साथ कितने भी सहयोगी या दोस्त हों. फिर भी वह अकेलापन महसूस करता है, कई बार परिस्थितियाँ इंसान को अकेलापन महसूस करा ही देती हैं. अकेलापन इंसान के दिमाग पर बुरा असर करता है जिससे दिमागी बीमारियां होने लगती हैं.

अकेलेपन की तुलना अक्सर खाली, अवांछित और महत्वहीन महसूस करने से की जाती हैं. अकेले व्यक्ति को मजबूत पारस्परिक संबंध बनाने में कठिनाई होती है. दरअसल, बहुत से लोगों के होते हुए भी आप अपने आप को तब अकेला महसूस करते हैं जब आपको दूसरे लोगों से स्पोर्ट नहीं मिलता है.

तब लोगों के मन में अंदर ही अंदर युद्ध सा चल रहा होता है और वे अंदर ही अंदर घुटते रहते हैं. अपने मन के अंदर के उस गुबार को बाहर निकलने के लिए जब कोई सुनने वाला नहीं मिलता, समझने वाला नहीं मिलता, तब लोग अकेलापन महसूस करते हैं.

अकेलापन और अकेला होना दो में बहुत फर्क है:

  1. अकेलापन और अकेला होना दो अलग अलग बातें हैं. अकेलेपन में आप लोगो के बीच में रहते हुए भी खुद को अकेला महसूस करते हैं. अकेलापन वह दौर होता है, जब आपको अकेला रहना पसंद नहीं होता और आप नाखुश होते हैं. एक ऐसी भावना है, जिसमें लोग बहुत तीव्रता से खालीपन और एकान्त का अनुभव करते हैं. और अजीब ख़याल आते है जैसे – आत्महत्या, शादी न करना, किसी भी तरह की ख़ुशी न बनाना और सादगी जीवन को अपनाने को कोसते हैं. और धीरे-धीरे डिप्रेशन में चले जाते हैं.
  2. जबकि आप अपनी इच्छा से अकेले होते हैं. तो इसका मतलब है कि आप एकांत चाहते हैं, और एकांत में आप अकेले होकर भी खुश रहते हैं. उस स्थिति में आप अपने आपको सकारात्मक, ऊर्जावान और भावनात्मक रूप से तरोताजा महसूस करते हैं, और वो एकांत आपको अच्छा लगता है, आपको खुशी देता है.

अकेलेपन का कारण ये हो सकता है:

  • घर परिवार में किसी से किसी बात पर विवाद होने पर
  • पढाई, लिखाई या किसी काम में असफलता मिलने पर
  • प्रेमी या प्रेमिका द्वारा धोखा देने पर
  • घर या आसपास के माहौल से प्रभावित होकर
  • कोई गलती या अपराध करने पर
  • किसी बात का अहंकार होना या घमण्ड होना
  • किसी प्रियजन की मृत्यु होने पर
  • जीवनसाथी से तलाक होने पर
  • व्यापार में घाटा होने पर
  • बेरोजगार होने पर
  • किसी के द्वारा भावनात्मक रूप से परेशान होकर
  • पति पत्नी के आपसी झगड़े या विचार ना मिलने पर
  • बुढ़ापे में बच्चों द्वारा उपेक्षा होने पर

ये जीन पुरुषों और महिलाओं में एक समान तरीके से कार्य करते हैं. अध्ययन से वयस्क अकेलेपन में समान पर्यावरणात्मक योगदान नहीं मिला. अकेलापन सामाजिक घटना के रूप में देखा जा सकता है जो रोग की तरह फैलने में सक्षम है.