इस तरीके से करें अपने बच्चे की परवरिश

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सीमा कुमारी 

यह तो सभी जानते हैं कि माता -पिता (Mother Father) के लिए बच्चों (Children) की क्या अहमियत (Importance) होती है| इसके बिना जीवन नीरस व उद्देश्यहीन (Dull and aimless) है, क्योंकि माना जाता है कि जिस घर में बच्चों की किलकारी गूंजती है, उस घर में हमेशा खुशहाली (Prosperity) व बरकत होती है| ऐसे में वे उनसे दिल (Heart) व भावनात्मक (Emotion) रूप से जुड़े होते हैं। साथ ही मां-बाप ही बच्चों के पहले गुरु व दोस्त (MAster And Friend) होते हैं। ऐसे में वे उन्हें जिंदगी (Life) को बेहतर बनाने की सीख देते हैं। मगर कई बार पेरेंट्स (Parenst) की कुछ आदतों (Habit) का बच्चों पर नकारात्मक असर (Negative Impact) पड़ता है। ऐसे में बच्चे पर गलत असर पड़ने के साथ उसे जीवन में कई समस्याओं (Problems) का सामना करना पड़ सकता है। तो चलिए जानते हैं बच्चों की परवरिश (Upbringing) में किन – किन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए –

  • आप चाहे जितना भी बिजी क्यों ना हो, लेकिन अपने बच्चों को रोजाना कम से कम 1 घंटा जरूर दें| इसके अलावा रोजाना भोजन उनके साथ करें। इससे वो आपसे दिल व भावनाओं से जुड़ेंगे।
  • बच्चों को लेकर अक्सर पेरेंट्स के बहुत-से सपने होते हैं। मगर इसके लिए हर चीज को लेकर उम्मीद लगाए रखना जरूरी नहीं है। ऐसा जरूरी नहीं है कि जो चीज आप चाहते हैं वही बच्चे को भी पसंद हो। इसलिए उसपर अपनी उम्मीद थोपने की जगह उसके दिल की बातों को जानने की कोशिश करें। इस बात का पता लगाएं कि आखिर आपके बच्चे की किस काम में दिलचस्पी है। साथ ही उसे उसकी कामयाबी के लिए प्रोत्साहित करें।
  • बच्चोें को लेकर हद से ज्यादा पोजेसिव होना भी सही नहीं है| यह बुरा प्रभाव डालता है। इससे वे डरे -डरे से रहते हैं। ऐसे में अगर आप भी अपने बच्चों को हर समय रोक-टोक करते रहते हैं तो अपनी इस आदत को बदल लें।
  • ज्यादा सख्त स्वभाव रखने से बच्चों के मन में डर बैठ सकता है। साथ ही बच्चे प्यार की भाषा जल्दी समझते हैं। ऐसे में डांटने या सजा देने की जगह उन्हें प्यार से समझाएं। उन्हें सही व गलत की पहचान करवाते हुए उनका लक्ष्य की ओर ध्यान लगवाएं।
  • अगर आप भी अपने बच्चे की तुलना दूसरे बच्चों से करते हैं तो इसे करना छोड़ दे | ऐसे में यह जरूरी नहीं है कि सामने वाला जिस चीज में माहिर है, उसमें आपका बच्चा भी बेहतर हो। असल में, हर किसी का स्वभाव, पसंद, नापसंद अलग-अलग होती है। ऐसे में आपका यह स्वभाव बच्चे के आत्मविश्वास को कमजोर कर सकता है। इसलिए हमेशा इस चीज पर ध्यान दें कि आपके बच्चे को क्या चीज और क्या करना पसंद है। इसके अलावा उसके भविष्य को बेहतर बनाने के लिए उसका साथ दें।