-सीमा कुमारी
हिन्दू धर्म में अनेकों देवी देवताओं की पूजा होती है. सूर्यदेव की पूजा एकमात्र ऐसी है जिनका हम साक्षात दर्शन करते हुए पूजन करते है. सूर्य के बिना हम सभी का जीवन न के बराबर है. चाहे इंसान हो या पेड़ पौधे हम सभी को सूर्य के अधीन ही जीवन व्यतीत करना होता है. लेकिन आज हम बात करेंगे क्यों रविवार को सूर्य देव की पूजा की जाती है. इस दिन को सूर्य देव का वार भी कहा जाता है.
इस दिन व्रत भी किया जाता हैं. इस व्रत में घी, तेल और नमक से परहेज करना होता है. इस व्रत को करने से इंसान को फल के रूप में संतान को बलिष्ठ और बुध्दि प्राप्त होता है. कहा जाता है कि जिन्हें शनि दोष होता है उन्हें या उनके पिता को सूर्य की उपासना करनी चाहिए. इससे लाभ मिलता है. सूर्य को वेदों में जगत की आत्मा और ईश्वर का नेत्र बताया गया है. सूर्य को जीवन, स्वास्थ्य एवं शक्ति के देवता के रूप में भी माना जाता हैं. सूर्यदेव की परिकर्मा के कारण ही धरती पर जीवन संभव होता है.
सूर्य की वस्तुओं का दान:
सूर्यदेव की आराधना करने वाले तांबा, गुड़, गेहूं, मसूर दाल दान करते है. यह दान प्रत्येक रविवार या सूर्य संक्रांति के दिन किया जा सकता है. सूर्य ग्रहण के दिन भी सूर्य की वस्तुओं का दान करना लाभकारी रहता है.
सूर्यदेव को ऐसे करे प्रसन्न:
- रविवार के दिन आपको सुबह सूर्य उदय से पहले उठना चाहिए.
- स्नान करके सूर्य देव की आराधना करते हुए जल अर्पित करे.
- घर में ही पवित्र स्थान पर भगवान सूर्य की मूर्ति या चित्र स्थापित करें.
- इसके बाद विधि-विधान से भगवान सूर्य का पूजन करें.
- आप पूरे दिन उपवास रखे.
- शाम में सूर्य अस्त के बाद सूर्यदेव की आरती करके फलहारी कर सकते है.