Learn here the auspicious time of Tulsi marriage and the method of worship

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-सीमा कुमारी

हिन्दुओं का पावन महीना कार्तिक मास है. जो अभी चल रही है और सारे त्यौहार इसी महीने में आते है. उन्हीं त्योहारों में एक त्यौहार है, तुलसी विवाह. यह त्यौहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है. इस साल तुलसी विवाह 26 नवंबर दिन गुरुवार को मनाया जाएगा. 

धर्म पंडितो के अनुसार, इस दिन माता तुलसी का विवाह भगवान शालिग्राम के साथ किया जाता है. माना जाता है कि जो व्यक्ति तुलसी विवाह का अनुष्ठान करता है उसे उतना ही पुण्य प्राप्त होता है जितना कन्यादान से मिलता है. शालिग्राम, विष्णु जी का ही एक अवतार है और  इस दिन जगह-जगह तुलसी का विवाह किया जाता है.

तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त:

  • एकादशी तिथि प्रारंभ- 25 नवंबर, बुधवार, सुबह 2:42 बजे से
  • एकादशी तिथि समाप्त- 26 नवंबर, गुरुवार, सुबह 5:10 बजे तक
  • द्वादशी तिथि प्रारंभ- 26 नवंबर, गुरुवार, सुबह 05 बजकर 10 मिनट से
  • द्वादशी तिथि समाप्त- 27 नवंबर, शुक्रवार, सुबह 07 बजकर 46 मिनट तक

 तुलसी विवाह ऐसे करें:

  • आंगन में या गमले में तुलसी के पौधे के चारों तरफ रेशमी कपड़े और केले के पत्तों से मंडप सजाएं.
  •  तुलसी मां को लाल रंग की चुनरी ओढ़ायें और सभी श्रृंगार की चीजें अर्पित करें.
  • तुलसी जी के ही पास भगवान विष्णु जी और गणेश भगवान को रखकर उनकी पूजा-अर्चना करें.
  • भगवान शालिग्राम की मूर्ति सिंहासन समेत हाथों में लेकर खड़े हो जाएं और मां तुलसी के 7 फेरे लें.
  • इसके बाद तुलसी जी की आरती पढ़ें और शादियों में गाए जाने वाले सोहर गीत गाएं.इसी तरह तुलसी विवाह संपन्न होगा.