सीमा कुमारी
हिन्दू धर्म में हर पारंपरिक त्योहार का सामाजिक, आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व है। इन्हीं परंपराओं में ज्येष्ठ महीने में भी कई त्योहार और व्रत आते हैं। ‘रंभा तीज व्रत’ (Rambha Teej Vrat) जो हर साल ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है , आज है।
यह व्रत हिंदू धर्म में आस्था रखने वाली सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस दिन सुहागिन महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना करती हैं | अपने पति की लंबी उम्र के लिए एवं सौभाग्य प्राप्ति के लिए सुहागिन महिलाएं रंभा व्रत रखती हैं। सुहागिन महिलाएं इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करके विशेष फल प्राप्त करती हैं।
क्यों करती हैं महिलाएं ‘रंभा तीज व्रत’, सुहागिन महिलाएं ऐसे करें पूजा, जानें महत्त्व-
हिन्दू धर्म में हर पारंपरिक त्योहार का सामाजिक, आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व है। इन्हीं परंपराओं में ज्येष्ठ महीने में भी कई त्योहार और व्रत आते हैं। ‘रंभा तीज व्रत’ (Rambha Teej Vrat) जो हर साल ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है , आज है।
यह व्रत हिंदू धर्म में आस्था रखने वाली सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस दिन सुहागिन महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना करती हैं | अपने पति की लंबी उम्र के लिए एवं सौभाग्य प्राप्ति के लिए सुहागिन महिलाएं रंभा व्रत रखती हैं। सुहागिन महिलाएं इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करके विशेष फल प्राप्त करती हैं।
आइए जानें ‘रंभा तीज का व्रत’ का शुभ मुहर्त, पूजा विधि और इसकी महिमा-
- शुभ मुहूर्त (Rambha Teej Shubh Muhurat)
- तृतीया तिथि का आरंभ: 12 जून, शनिवार को रात्रि 20 बजकर 19 मिनट
- तृतीया तिथि का समापन: 13 जून, रविवार को रात्रि 21 बजकर 42 मिनट
पूजा विधि-
इस दिन सुहागिन महिलाएं प्रातःकाल उठकर स्नानादि करके व्रत एवं पूजा करने का संकल्प लें। पूजा स्थल पर पूर्व दिशा में मुंह करके स्वच्छ आसन पर बैठें। माता पार्वती और शिव भगवान की मूर्ति स्थापित करें। पहले गणेश भगवान की फिर शिव भगवान और माता पार्वती की पूजा अर्चना करें। पूजा में घी के पांच दीपक जलाएं। पूजा के दौरान भगवान शिव पर चंदन, गुलाल और फूल समेत अन्य चीजें एवं माता पार्वती पर चंदन, हल्दी, मेहंदी, अक्षत, लाल फूल समेत सोलह श्रृंगार की वस्तुएं चढ़ाएं।
शास्त्र के अनुसार, इस दिन व्रत रखने से महिलाओं को सौभाग्य मिलता है पति की उम्र बढ़ती है। संतान सुख मिलता है। इस दिन व्रत रखने और दान करने से मनोकामना पूरी होती है। रंभा तीज करने वाली महिलाएं निरोगी रहती हैं। उनकी उम्र और सुंदरता दोनों बढ़ती हैं। जिस घर में ये व्रत किया जाता है, वहां समृद्धि और शांति रहती है। पौराणिक शास्त्रों के अनुसार, रंभा एक अप्सरा हैं। जिनकी उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थी। रंभा को सौंदर्य का प्रतीक माना जाता है| इसलिए सुंदर यौवन की प्राप्ति के लिए भी यह व्रत किया जाता है।