-सीमा कुमारी
आज देशभर में दशहरा पूरे धूम -धाम से मनाया जाएगा. दशहरा का त्योहार बुराई पर अच्छाई का प्रतीक होने के चलते लोगों को सच्चाई की राह पर चलने की प्रेरणा देता है. इस बार दशहरे का पावन त्योहार 25 अक्तूबर यानि रविवार को मनाया जाएगा. इस दिन भगवान राम ने लंकापति रावण का वध कर माता सीता को कैद से मुक्त करवाया था.
दशहरा हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है. अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को इसका आयोजन होता है. भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था तथा देवी दुर्गा ने नौ रात्रि एवं दस दिन के युद्ध के बाद महिषासुर पर विजय प्राप्त किया था. इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है. इसलिए दशमी को ‘विजयादशमी’ के नाम से जाना जाता है.
दशहरा वर्ष की तीन अत्यन्त शुभ तिथियों में से एक है, अन्य दो हैं चैत्र शुक्ल की एवं कार्तिक शुक्ल की प्रतिपदा. हिन्दू धर्मनुसार यह दिन बहुत ही शुभ एवं पवित्र माना जाता है. क्योकि, इस दिन लोग अस्त्र-शस्त्र की पूजा करते हैं और नया कार्य प्रारम्भ करते हैं. लोगो का विश्वास है कि इस दिन जो भी कार्य आरम्भ किया जाता है उसमें विजय मिलती है.
प्राचीन काल में राजा लोग इस दिन विजय की प्रार्थना कर रण-यात्रा के लिए प्रस्थान करते थे. इस दिन जगह-जगह मेले लगते हैं. रामलीला का आयोजन होता है. रावण का विशाल पुतला बनाकर उसे जलाया जाता है. दशहरा यानी विजयदशमी भगवान राम की विजय के रूप में मनाया जाता है. दशहरा का पर्व दस प्रकार के पापों- काम, क्रोध, लोभ, मोह मद, मत्सर, अहंकार, आलस्य, हिंसा और चोरी के परित्याग की सद्प्रेरणा प्रदान करता है.
दशहरा पूजा का शुभ मुहूर्त:
- पूजा का ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 4 बजकर 46 मिनट से 5 बजकर 27 मिनट तक
- संध्या पूजा का मुहूर्त- शाम 5 बजकर 41 से 6 बजकर 58 मिनट तक
- अमृत काल का मुहूर्त- शाम 5 बजकर 14 से 6 बजकर 57 मिनट तक
- दशमी तिथि आरंभ- 25 अक्तूबर, रविवार – सुबह 7 बजकर 41 मिनट से
- दशमी तिथि समाप्त- 26 अक्तूबर सोमवार – सुबह 9 बजे तक
दशहरा पूजन मंत्र:
शमी पूजन मंत्र-
शमी शमय मे पापं शमी लोहितकंटका। धारिण्यर्जुन बाणानां रामस्य प्रियवादिनी॥
करिष्यमाणयात्रायां यथाकालं सुखं मम। तत्र निर्विघ्नकर्त्री त्वं भव श्रीरामपूजिते ॥
अश्मंतक पूजन मंत्र:
अश्मंतक महावृक्ष महादोषनिवारक।
इष्टानां दर्शनं देहि शत्रूणां च विनाशनम्॥
श्री राम पूजन मंत्र:
नीलाम्बुजश्यामलकोमलाङ्गसीतासमारोपितवामभागम्।
पाणौ महाशायकचारुचापंनमामि रामं रघुवंशनाथम्।।
श्री राम विजय मंत्र:
श्री राम जय राम जय जय राम।
विजयदशमी पूजा विधि:
विजयदशमी के दिन शुभ मुहूर्त में शमी के पौधे के पास जाकर सरसों के तेल का दीपक जलाएं। प्रणाम कर शमी पूजन मंत्र पढ़े। इसके बाद यह प्रार्थना करें कि सभी दिशा-दशाओं में आप विजय प्राप्त करें।