1 to 2 percent of pests are disappearing from the earth every year
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वाशिंगटन: दुनिया (World) के 502 से ज्यादा वैज्ञानिकों (Scientists) का मानना है कि धरती (Earth) से कीट (Insects) बहुत तेजी से लुप्त हो रहे हैं और यह चिंता का विषय है। कनेक्टिकट विश्वविद्यालय (University of Connecticut) के कीट विशेषज्ञ डेविड वागनर का कहना है कि जलवायु परिवर्तन (Climate Change), कीटनाशकों, खर-पतवार नाशक, रौशनी के प्रदूषण, घुसपैठिया प्रजातियों, कृषि (Agriculture) और भूमि (Land) के उपयोग में बदलाव के कारण धरती से संभवत: हर साल एक से दो प्रतिशत कीट लुप्त हो रहे हैं।

वागनर नेशनल एकाडमिज ऑफ साइंस (Wagner National Academies of Science) की सोमवार की कार्यवाही में 12 अध्ययनों (Research) के विशेष पैकेज के मुख्य लेखक हैं। इसे दुनिया भर के 56 वैज्ञानिकों ने लिखा है। इस समस्या को कई बार कीटों के लिउ प्रलय कहा जाता है और यह किसी पहेली की तरह है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि उनके पास इस पहेली को हल करने के लिए अभी तक पर्याप्त सूचना और साक्ष्य नहीं है, ऐसे में उन्हें इसे दुनिया के सामने पेश करने और इस संबंध में कुछ भी करने में दिक्कत आ रही है।

वागनर ने कहा कि वैज्ञानिकों को यह पता लगाने की जरुरत है कि कीटों के लुप्त होने की दर क्या अन्य किसी भी प्रजाति के मुकाबले ज्यादा है? उन्होंने कहा, ‘‘इनके बारे में चिंता करने के कुछ विशेष कारण हैं, क्योंकि उन्हें कीटनाशकों, खर-पतवार नाशक और रौशनी के प्रदूषण के जरिए निशाना बनाया जा रहा है।”