महाराष्ट्र व केन्द्र दोनों में बीजेपी की सत्ता होने के बावजूद उसका कोई फायदा मिलना तो दूर बल्कि राज्य को नुकसान ही हो रहा है। डबल इंजिन की सरकार में महाराष्ट्र को लगातार चपत लग रही है जबकि गुजरान को फायदा पहुंचाया जा रहा है। इस तरह की वादाखिलाफी और विश्वासघात असहनीय है। इससे स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह अपने गृहराज्य गुजरात को अधिकतम विकसित और संपनन बनाना चाहते हैं तथा उन्हें महाराष्ट्र की कोई फिक्र नहीं है। वेदांता- फॉक्सकॉन के बाद महाराष्ट्र से टाटा समूह की एयरबस परियोजना भी छीन ली गई। यह बहुत बड़ा छल व अन्याय है कि हर बार महाराष्ट्र के मुंह से कौर छीना जा रहा है। केन्द्रीय नेतृत्व महाराष्ट्र को उजाड़कर गुजरात को चमन बनाने में लगा है। यह कैसी विध्वंसक मनोवृत्ति है! राज्य के मुख्यमंत्री ओर उपमुख्यमंत्री केन्द्र के इस रवैये का प्रतिकार या विरोध क्यों नहीं करते? महाराष्ट्र को गरिब की गाय बनाकर रख दिया गया है जिसे भूखा रखकर एक एक बूंद दूध निचोड़ लिया जाता है। लगता है कि केन्द्र के सामने महाराष्ट्र का नेतृत्व बेवस हो चला है।
फॉक्सकॉन का प्रोजेक्ट गुजरात जाने के बाद महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री उदय सावंत ने गत 11 सितंबर को मुंबई में कहा था कि नागपुर के मिहान में सैन्य विमानों के निर्माण के लिए 22 हजार करोड़ की टाटा एयरबस परियोजना लाई जाएगी। सावंत ने दावा किया था कि प्रधानमंत्री मोदी के दिए गए आश्वासन के अनुसार महाराष्ट्र को एक बड़ी परियोजना मिलेगी। अत: यह प्रोजेक्ट भी गुजरात चला गया। इसके लिये वड़ोदरा के एक प्लाूट में सी-295 परिवहन विमान बनाए जाएंगे। 30 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस परियोजना का उद्घाटन करेंगे। यह पहला मौका है जब सी-295 विमान का निर्माण यूरोप के बाहर किया जाएगा। गत वर्ष भातर के वायुसेना के पुराने एवरो-748 विमानों के स्थान पर 56 सी-295 विमान की खरीद के लिए एयरबस डिफेंस एंडस्पेस के साथ समझौता किया था। ये विमान वायुसेना के बेडे में एयरो मालवाही विमानों का स्थान लेंगे तथा इसके शामिल होने के बाद एलएसी पर चीन की ओर से मिल रही चुनौती से निपटने में मदद मिलेगी। पहली बार कोई सैनिक विमान एक निजी कंपनी द्वारा भारत में बनाया जाएगा। यदि सी-295 परिवहन विमान परियोजना नागपुर में लगती तो क्षेत्र का महत्व बढ़ता और रोजगार के अवसरों में वृद्घि होती। नागपुर महाराष्ट्र की उपराजधानी और देश का मध्यवर्ती शहर है। यहां तेजी से विकास की आवश्कता है लेकिन न जाने क्यों इसे मिलनेवाले महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट इससे छीनकर अन्यत्र ले जाए जाते हैं। लगता है कि केन्द्र सरकार ने महाराष्ट्र को मजबूरी की हालत में लाकर खड़ा कर दिया है और यहां के लिए तय महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट एक झटके में गुजरात स्थानांतरित कर दिया जाता है।
गड़करी ने प्रयास किए थे
केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने विकास को शामिल नहीं करवा रहे नागपुर के मिहान को टाटा समूह का बल देने की पहल करते हुये टाटा संस के अध्यक्ष नटराजन चन्द्रशेखर को इसी महीने पत्र लिखा था। इस पत्र में गडकरी ने टाटा समूह के नागपुर से रिश्ते का हवाला देते हुये मिहान को टाटा समूह का विकास हब बनाने की अपील की थी। इस परियोजना के वड़ोदरा चले जाने से विदर्भ को विकास की उम्मीदों को करारा झटका लगा है। लगता है कि महाराष्ट्र में आघाइ़ी सरकार बनाने बाद से केन्द्र की बीजेपी सरकार निश्चिंत हो गई है कि अब यहां कोई चूं चपड्ड नहीं करेगा। मुख्यमंत्री शिंदे बीजेपी के अहसान तले दबे रहेंगे और यहां का कोई भी प्रोजेक्ट बेखटके गुजरात ले जाया जा सकेगा। उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि उन्होंने टाटा एयरबस प्रोजेक्ण् मिहान में लाने के काफी प्रयास किए थे लेकिन इसे हरी झंडी नहीं मिली। तत्कालीन महाविकास आघाडी सरकार ने इस दिशा में कुछ भी नहीं किया था।