China's movements on LAC, opposition and countrymen have the right to know

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    यद्यपि भारत ने एलएसी के पास युद्धाभ्यास और अग्नि-5 के टेस्ट से चीन को कड़ा संदेश दे दिया है फिर भी सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे का यह कथन स्थिति को बयान करता है कि हालात अभी स्थिरतापूर्ण हैं लेकिन भविष्य में कब क्या होगा, कहा नहीं जा सकता. दिल्ली में विचारको के एक समूह में उन्होंने कहा कि हमें वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपने हित सुरक्षित रखते हुए किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने की तैयारी रखनी होगी. मोटे तौर पर कहा जाता है कि 9 दिसंबर को रात 3 बजे लगभग 600 चीनी सैनिकों ने यांगत्से में भारतीय चौकी पर हमला किया. दोनों पक्षों के बीच लाठियों और कांटेदार तार व कील लगे डंडों से लड़ाई हुई जिसमें अनेक घायल हुए. वास्तविक नियंत्रण रेखा 3,488 किलोमीटर लंबी है जिसमें से 1,346 किलोमीटर पूर्वी सेक्टर में है. लद्दाख के डोकलाय में हुई हिंसक झड़प के बाद किसी अन्य क्षेत्र में इसकी पुनरावृत्ति होने की आशंका बन हुई थी. खासकर अरूणाचल में यह अंदेशा ज्यादा था क्योंकि चीन इस पूरे राज्य को अपना क्षेत्र होने का दावा करता है. चीन अरूणाचल को स्वायत्तशासी तिब्बत का हिस्सा होने का दावा करता है. भूटान और म्यांमार के बीच स्थित अरूणाचल स्वाभाविक रूप से भारत का अभिन्न अंग है. मैकमोहन लाइन इसकी पुष्टि करती है लेकिन चीन इसे नहीं मानता. 1959 में चाऊ एन लाई ने भारतीय पीएम नेहरू से कहा था कि यदि भारत अक्साई चीन इलाके पर चीन का नियंत्रण स्वीकार कर ले तो चीन मैकमोहन लाइन को मंजूरी दे सकता है. तिब्बत पर नियंत्रण के लिए चीन अरूणाचल प्रदेश को हथियाना चाहता है. यह क्षेत्र रणनीति का महत्व का है. भारत ने 2 वर्षों में अरूणाचल में अपनी स्थिति मजबूत की है. वहां सेला दो तक सुरंग जनवरी 2023 तक पूरी बन जाएगी. इससे हर मौसम में असम के तेजपुर से अरुणाचल के तवांग तक 1500 किलोमीटर लंबा फ्रंटियर हाईवे शुरू हो जाएगा. भारत सैटेलाइट चित्रों, नाइट विजनवाले कैमरो व ड्रोन से सीमा पर निगरानी रखे हुए है.

    जनता को जानने का अधिकार

    सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए 9 दिसंबर की चनी अतिक्रमण की घटना का विवरण नहीं देना चाहती. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के संक्षिप्त बयान से असंतुष्ट विपक्ष के पास संसद से बहिर्गमन के अलावा कोई चारा नहीं था. सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल करना भी निरर्थक हैं क्योंकि रक्षा और विदेश नीति जैसे मुद्दे न्यायपालिका के दायरे में नहीं आते. संविधान की पूर्व पीठिका कहती है कि भारत की जनता सर्वोच्च है जबकि कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधायिका राज्य के ऐसे अंग हैं जिनका उद्देश्य जनता के अधिकारों की रक्षा करना है. फिर भी सरकार विपक्ष ओर जनता को विश्वास में नहीं लेती. चीन ने तिब्बत में चीनियों को बसा दिया. उसी तरह अरूणाचल सीमा से लगे गांवों में लड़ाकू ‘हान’ चीनियों को बसाया जा रहा है. चीन ने डोकलाम में पुल के अलावा आसपास के इलाकों में नई सड़के भी बना ली हैं. विपक्षी तवांग मुद्दे पर सरकार से जवाब चाहता है लेकिन हम मामले में उसे संसद में बोलने नहीं दिया जाता. झडप में लोहे की छड़ों व कांटेदार तार वाली लाठियों का इस्तेमाल जिनेवा कानून में मना है लेकिन यूएन सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य चीन इसका उल्लंघन करता है.