प्याज निर्यात पर महाराष्ट्र व गुजरात में ठनी

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कुछ फैसले चुनावी (Lok Sabha Elections 2024) लाभ को देखते हुए लिए जाते हैं। केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव के दौर में 6 देशों को सफेद प्याज के निर्यात को मंजूरी दे दी। यह एक अहम फैसला है जिससे गुजरात के व्यापारियों और ठेकेदारों को फायदा होगा। शिवसेना (उद्धव) के सांसद संजय राऊत ने कहा कि चुनाव की पृष्ठभूमि में इसी उद्देश्य से प्याज निर्यात की अनुमति दी गई है। एनसीपी शरद पवार गुट ने कहा कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर वोट की पेटी भरने के लिए बीजेपी स्वार्थ की राजनीति कर रही है लेकिन महाराष्ट्र के किसान इस क्षणिक प्रलोभन के आगे झुकेंगे नहीं। महाराष्ट्र समेत पूरे देश में किसान बीजेपी को नकारते हुए पिछले 10 वर्षों में हुए अन्याय का जवाब वोट से देंगे। विपक्ष ने केंद्र सरकार के प्याज निर्यात संबंधी फैसले को ‘लॉली पॉप’ करार देते हुए कहा कि किसान मोदी सरकार के झांसे में नहीं आएंगे।

प्याज उत्पादकों को राहत

केंद्र सरकार ने 6 देशों- बांग्लादेश, यूएई, भूटान, बहरीन, मारिशस व श्रीलंका को 99,150 मीट्रिक टन सफेद प्याज निर्यात का फैसला किया। इसके पूर्व देश में प्याज की कीमतों को काबू में रखने का तर्क देते हुए केंद्र सरकार ने 8 दिसंबर 2023 को प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। 31 मार्च को निर्यात प्रतिबंध की सीमा समाप्त हो गई थी इसलिए सरकार ने चुनाव के दौरान कोई खतरा मोल न लेते हुए प्याज निर्यात पर प्रतिबंध अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दिया था। तब दृष्टिकोण यह था कि प्याज के दाम काबू में रखे जाएं ताकि जनता नाराज न हो लेकिन अब मई माह में लोकसभा चुनाव का छठा चरण महाराष्ट्र के नाशिक और उसके आसपास के इलाके में होने वाला है। नाशिक व लासलगांव प्याज की सबसे बड़ी मंडी है। इसलिए प्याज निर्यात का फैसला किसानों की खुशियां बढ़ा देगा। अभी घरेलू बाजार में प्याज के दाम कम आ रहे थे लेकिन एक्सपोर्ट होने से किसानों को मुनाफा होगा। मई में चुनाव करीब-करीब निपट जाएगा इसलिए प्याज के दाम कुछ चढ़े भी तो ग्राहकों की मानसिकता पर विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा।

पहले से पैदावार कम

कृषि मंत्रालय के मुताबिक 2023-24 में प्याज की पैदावार लगभग 254।73 लाख टन होने की उम्मीद है जबकि पिछले वर्ष 2022-23 में यह पैदावार 302।08 लाख टन थी। इस बार महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और राजस्थान में प्याज की उपज कम हुई है। इतने पर भी सरकार का दावा है कि स्टोरेज तकनीक बेहतर बनाई गई है। स्टोरेज क्षमता 1,200 टन से बढ़ाकर 5,000 टन की गई है। शीतगृह में रखने से प्याज सुरक्षित है और उसके भंडारण से होनेवाली क्षति 10 फीसदी से भी कम हुई है। सरकार ने घरेलू बाजार से चल रही प्याज की कीमतों को ध्यान में रखते हुए निर्यात का फैसला किया है।

कृषि एवं प्रक्रियागत खाद्य निर्यात विकास प्राधिकरण के अनुसार वित्तवर्ष 2023-24 की अप्रैल-नवंबर की 8 माह की अवधि में 16।26 लाख टन प्याज निर्यात किया गया जो पिछली समान अवधि में 15।19 लाख टन था। इससे स्पष्ट है कि पिछले वित्तवर्ष में नवंबर तक प्याज के निर्यात में करीब 7 फीसदी की वृद्धि हुई। इन सारे आंकड़ों को देखते हुए सरकार ने प्याज निर्यात का फैसला किया। वह मान कर चल रही है कि चुनाव के माहौल में प्याज निर्यातक किसान तो खुश होंगे लेकिन ग्राहकों पर भी एकदम से कोई खास विपरीत असर नहीं पड़ेगा।