इमरान को 3 वर्ष की सजा, 5 साल चुनाव लड़ने पर रोक शहबाज और आर्मी के रास्ते का कांटा दूर

Loading

आखिर पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार और वहां की आर्मी ने अपने लिए असुविधाजनक और कांटे के समान चुभनेवाले इमरान खान को राजनीतिक परिदृश्य से हटाने में कामयाबी हासिल कर ली. तोशाखाना की सरकारी गिफ्ट हड़पने के मामले में अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री तथा पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान को 3 साल कारावास व 1 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई. इस फैसले के बाद वे अगले 5 वर्ष तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.

पाकिस्तान के कानून के अनुसार विदेश से प्राप्त होनेवाला कोई भी उपहार स्टेट डिपाजिटरी (तोशाखाना) में जमा कराना होता है. यह उपहार नीलाम भी किए जा सकते हैं. आधिकारिक यात्राओं के दौरान इमरान खान को करीब 14 करोड़ रुपए के 58 उपहार मिले जिन्हें तोशाखाना में जमा कराया गया था. खान पर आरोप है कि उन्होंने स्वयं 2.15 करोड़ रुपए में इन उपहारों को खरीद लिया और फिर उन्हें बेचकर 5.8 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया. इमरान पर संपत्ति की गलत घोषणा का भी आरोप है.

गिरफ्तारी की टाइमिंग

इमरान की गिरफ्तारी की टाइमिंग भी खास है. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने 8 अगस्त को संसद को भंग करने का ऐलान किया है. 8 नवंबर से पहले चुनाव होनेवाले हैं. शहबाज शरीफ की पार्टी अपने सुप्रीमो नवाज शरीफ के बिना चुनाव में नहीं उतरना चाहती. इमरान की गिरफ्तारी के बाद अब पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की लगभग 4 वर्ष बाद लंदन से वापसी होगी. इसी वर्ष 9 मई को इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने अल कादिर ट्रस्ट से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में इमरान की गिरफ्तारी का आदेश दिया था लेकिन कोर्ट में जाने से पहले ही उन्हें नेशनल अकाउंटिबिलिटी ब्यूरो और पाक रेंजर्स ने अरेस्ट कर लिया था.

इमरान की पार्टी पीटीआई ने तोशाखाना मामले में अदालत के फैसले को गलत बताते हुए इसके खिलाफ शीघ्र ही हाईकोर्ट में अपील दायर की है. इस याचिका में पंजाब प्रांत के आईजी, लाहौर के सीसीपीओ तथा अन्य को पक्षकार बनाया गया है. याचिका में कहा गया कि इमरान खान का अपहरण कर पुलिस ने उन्हें अवैध तरीके से हिरासत में लिया है.

इमरान की अपील

इमरान खान ने गिरफ्तारी के बाद अपने पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों से वीडियो संदेश से कहा कि आपको घरों में छिपकर नहीं बैठना है. मैं जो जद्दोजहद कर रहा हूं वह खुद के लिए नहीं, आपके और मुल्क के लिए कर रहा हूं. ऐसा माना जा रहा है कि इमरान को भले ही हाईकोर्ट से जमानत मिल जाए लेकिन मामले के अंतिम फैसले की संभावना काफी कम है. इसलिए इमरान चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. इमरान खान को अटक जेल में बंद किया गया है उनके वकीलों को उनसे मिलने नहीं दिया जा रहा है.

पाकिस्तान में इमरान समर्थकों पर कड़ी नजर है. उन्हें पीएम पद से हटाए जाने के बाद से उनके समर्थक जुलूस निकाल पर नारेबाजी करते रहे हैं. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ यदि पंजाब प्रांत में मजबूती रखते है तो इमरान के समर्थक पख्तूनख्वा प्रांत में अधिक है. गत वर्ष 3 नवंबर को लाहौर से इस्लामाबाद जानेवाले काफिले में इमरान खान की हत्या का प्रयास हुआ था. तब उन्हें पैर में गोली लगी थी. अब भी माना जा रहा है कि इमरान समर्थक चुनाव के दौरान पाकिस्तान में गड़बड़ी करेंगे.