एक दूसरे के कपड़े फाड़ने की राजनीति को ही सबकुछ मान लिया गया है।
न जनहित की किसी को चिंता है, न ज्वलंत समस्याओं के निवारण की! महाराष्ट्र में सत्तापक्ष और विपक्ष के नेताओं को एक दूसरे पर घोटाले और भ्रष्टाचार के आरोप लगाने से ही फुरसत नहीं है। राज्य की जनता ने क्या इसलिए अपने इन नुमाइंदों को चुनकर भेजा था कि वे एक दूसरे की बखिया उधेड़ें? महंगाई, बेरोजगारी, विकास का असंतुलन, कृषि सुधार, सिंचाई, आवास समस्या जैसे कितने ही मुद्दों की सरासर अनदेखी की जा रही है। नेताओं की ऐसी मानसिकता से राज्य की प्रतिष्ठा और उसके विकास पर अत्यंत विपरीत असर पड़ रहा है। कोरोना ने अर्थव्यवस्था को झकझोर कर रख दिया था जिसे पटरी पर लाने के लिए युद्धस्तर पर रचनात्मक प्रयास जरूरी थे। निरंतर बढ़ती महंगाई ने जनता का जीना मुहाल कर दिया है। मुंबई में बैठे मंत्री ने अप्रैल अंत तक स्कूलें शुरू रखने का आदेश दे रखा है। उन्हें जरा भी चिंता नहीं है कि विदर्भ के 43 से 45 डिग्री तापमान में बच्चों का क्या हाल होगा! एक दूसरे के कपड़े फाड़ने की राजनीति को ही सबकुछ मान लिया गया है। विपक्ष में बैठी बीजेपी व महाविकास आघाडी के नेताओं के बीच चल रहे महाभारत में राज्य की आम जनता की हालत दो पाटों के बीच पिसने जैसी हो गई है। उसके सामने तो यही चित्र आ रहा है कि अपने हमाम में सभी नंगे हैं। आखिर वह किसे दूध का धुला माने?
किसी को सत्ता की लालसा तो किसी को कुर्सी बचाने की फिक्र
महाविकास आघाड़ी का गठन बीजेपी को सत्ता से बाहर रखने के मकसद से हुआ। इसमें खुद को हिंदुत्व की अग्रणी पैरोकार बतानेवाली शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस जैसी सेक्यूलर पार्टियों के साथ सत्ता के लिए गठबंधन कर लिया। इस आघाड़ी में कांग्रेस जूनियर पार्टनर है। विपक्षी दल बीजेपी के निशाने पर ज्यादातर एनसीपी और शिवसेना नेता ही हैं। बीजेपी की ओर से आरोपों की तोप या तो देवेंद्र फडणवीस दाग रहे हैं अथवा बीजेपी के पूर्व सांसद किरीट सोमैया! लड़ाई दुतरफा है। यदि बीजेपी सत्तारूढ़ नेताओं को भ्रष्ट साबित करने में लगी है तो शिवसेना नेता संजय राऊत भी जमकर जवाबी प्रहार कर रहे हैं। यह सिलसिला निरंतर जारी है। इससे दोनों पक्षों के नेताओं की छवि पर कीचड़ उछल रहा है। किरीट सोमैया ने सीधे मुख्यमंत्री को निशाने पर लेते हुए आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे का परिवार मनीलॉ्ड्रिरंग में शामिल है। हवाला किंग नंदकिशोर चतुर्वेदी का आदित्य ठाकरे, तेजस ठाकरे और रश्मि ठाकरे के भाई श्रीधर पाटनकर के साथ लेनदेन हुआ है। चतुर्वेदी की मुखौटा कंपनियों का खुलासा करते हुए सोमैया ने कहा कि अधिकांश कंपनियां एक ही पते पर पंजीकृत हैं। श्रीधर पाटनकर की कंपनी में मनी ला्ड्रिरंग के जरिए 29 करोड़ रुपए का ब्लैकमनी लगाया गया है। उद्धव ठाकरे को इस कंपनी और अपने संबंधों का खुलासा करना चाहिए। दूसरी ओर शिवसेना प्रवक्ता ने सोमैया पर 100 करोड़ रुपए के टॉयलेट घोटाले का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि देवेंद्र फडणवीस शरद पवार के मुद्दे पर 14 ट्वीट करते हैं लेकिन अपनी पार्टी के नेता सोमैया के घोटाले पर मौन हैं। बीजेपी छोड़कर एनसीपी में शामिल हुए एकनाथ खडसे ने कहा कि बीजेपी के कुछ नेताओं को उनकी गलतियों के लिए जेल भेज दिया गया होता तो महाराष्ट्र में वर्तमान राजनीतिक स्थिति पैदा नहीं होती।
पवार का देवेंद्र पर निशाना
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र की सत्ता पर आसीन होने के लिए देवेंद्र फड़णवीस छटपटा रहे हैं। इसी वजह से बीजेपी केंद्रीय जांच तंत्र का इस्तेमाल कर सत्ता पर काबिज होने की कोशिश कर रही है। मैं फडणवीस की आलोचना को ज्यादा महत्व नहीं देता। देवेंद्र के 14 ट्वीट को मैं एन्जॉय कर रहा हूं। राज्य में पक्ष-विपक्ष एक दूसरे की जिस तरह से छिछालेदार कर रहे हैं, उसे देखते हुए लगता है कि यही सिलसिला 2024 के विधानसभा चुनाव तक चलेगा। जनता के प्रश्नों की शायद ही किसी को चिंता है।