नवाज शरीफ की पाकिस्तान वापसी, हालत में सुधार की उम्मीद नहीं

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पाकिस्तान (Pakistan) जबरदस्त आर्थिक और राजनीतिक संकट में घिरा हुआ है. ऐसे वक्त ब्रिटेन में 4 वर्ष के आत्मनिर्वासन के बाद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ स्वदेश लौट आए. पाकिस्तान में जनवरी 2024 में आम चुनाव होने की संभावना है जिसमें रिकार्ड चौथी बार नवाज शरीफ सत्ता में आने का प्रयास करेंगे. दूसरी ओर यह भी संभव है कि नवाज शरीफ अपनी बेटी मरियम को अपनी उत्तराधिकारी के रूप में पीएम बनाना पसंद करें. फिलहाल पाकिस्तान में कार्यवाहक सरकार बनी हुई है. कार्यवाहक सरकार बनने के पहले तक शहबाज शरीफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे जो कि नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं.

नवाज शरीफ 3 बार प्रधानमंत्री रहे हैं लेकिन 2017 में भ्रष्टाचार का दोषी पाए जाने के बाद उन्हें सत्ता से हटना पड़ा था. तब उन्हें राजनीति से आजीवन अयोग्य घोषित किया गया. अब वे अपनी बेटी को पाक के अगले पीएम के रूप में देखना चाहेंगे. इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने नवाज शरीफ की स्वदेश वापसी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कायर भगोड़ा न्यायिक शरण के तहत लौटा है.

लंदन से देश में राष्ट्रीय अपराधी की वापसी का मार्ग प्रशस्त करने के लिए सरकार ने अपने हाथों से शर्म, हया कानून और न्याय को दफन कर दिया. पीटीआई प्रवक्ता ने नवाज शरीफ की आलोचना करते हुए कहा कि लोग उन अपराधियों को मुल्क की बरबादी के लिए जबाबदार ठहराएंगे जिन्होंने पीढ़ी-दर-पीढ़ी देश को लूटा है.

इमरान खान की सरकार को बेदखल करने की साजिश करनेवालों ने मुल्क को तानाशाही की जंजीरों में बांध दिया और भ्रष्ट भेड़िए के आगे फेंक दिया. पर्यवेक्षकों की राय में पाकिस्तान में चुनाव के बाद कोई भी सरकार आए, वह हमेशा की तरह कश्मीर मुद्दे पर ही जोर देगी और आतंकवाद जारी रखेगा. ऐसी हालत में भारत-पाक संबंधों में सुधार की उम्मीद नहीं की जा सकती. नवाज के पीएम रहते ही कारगिल पर हमला हुआ था.