RBI ने महीने में 2 बार बढ़ाया रेपो रेट, महंगाई 8 वर्ष के उच्चतम स्तर पर

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    भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी मौद्रिक नीति की समीक्षा करते हुए रेपो रेट में फिर वृद्धि कर दी. रेपो रेट में बढ़ोतरी का सीधा आशय है कि रिजर्व बैंक की ओर से बैंकों को महंगी दर पर कर्ज मिलेगा. बैंक इस वृद्धि को ग्राहकों की ओर हस्तांतरित करेंगे. ऐसा होते ही ग्राहकों के कर्ज लेने की दरें महंगी हो जाएंगी. यदि किसी का होम लोन चल रहा है तो उसकी समान मासिक किश्त (ईएमआई) में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. 

    रेपो रेट बढ़ने से सिर्फ उन लोगों को फायदा होगा जो बैंक में फिक्स डिपॉजिट करवाते हैं. पिछली बार 4 मई को रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट अर्थात 0.40 फीसदी की वृद्धि की थी लेकिन महंगाई में कोई कमी के संकेत नजर नहीं आए, जिस वजह से फिर रेपो रेट बढ़ाना पड़ा. अब इसमें 0.50 प्रतिशत की और बढ़ोतरी किए जाने से रिजर्व बैंक का नया रेपो रेट 4.90 फीसदी हो गया है.

    होम लोन लेने वालों को जबरदस्त झटका

    यदि किसी ने मकान बनाने के लिए 50 लाख रुपए का होम लोन 20 वर्ष की अवधि के लिए लिया है तो उसे एक माह पहले भारतीय स्टेट बैंक से 7 फीसदी की दर पर गृह निर्माण कर्ज मिल रहा था. तब ईएमआई 38,765 रुपए की बनती थी. महीने भर में रेपो रेट 0.90 फीसदी बढ़ गया है. यदि एसबीआई इस पूरी वृद्धि को ग्राहकों को ट्रांसफर करता है तो ग्राहक को 7.90 फीसदी की दर से ब्याज चुकाना होगा. ऐसे में ईएमआई 2,746 रुपए बढ़ जाएगी और हर माह 41,511 रुपए देना पड़ेगा.

    गाड़ी का लोन व पर्सनल लोन भी महंगा हुआ

    यदि किसी ने 7 वर्ष के लिए 8 लाख रुपए का आटो लोन लिया तो उसकी दर अभी तक 10 फीसदी थी. यह दर महीने भर में बढ़कर 10.90 फीसदी हो गई. इसलिए पहले जो ईएमआई 13,281 रुपए बनती थी, वह अब 13,656 रुपए की बनेगी. इस तरह 4,500 रुपए सालाना का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा. इसी प्रकार पर्सनल लोन की औसत दर भी 14 फीसदी से बढ़कर 14.90 फीसदी हो जाएगी. 5 लाख रुपए के पर्सनल लोन पर पहले 11,634 रुपए ईएमआई बनती थी जो अब 11,869 रुपए हो जाएगी. इससे सालाना 2,820 रुपए का बोझ बढ़ेगा.

    महंगाई पर काबू नहीं

    खुदरा महंगाई दर 8 वर्ष के उच्चतम स्तर 7.79 प्रतिशत पर पहुंच गई है. इसकी प्रमुख वजह रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से ईंधन तथा अन्य वस्तुओं के दाम में बढ़ोतरी है. थोक महंगाई दर 13 महीनों से दहाई में बनी हुई है जो कि अप्रैल में 15.08 प्रतिशत के रिकार्ड उच्च स्तर पर चली गई थी. रिजर्व बैंक सरकारी प्रतिभूति बाजार पर नजर रखे हुए है. जब भी जरूरत होगी, आवश्यक कदम उठाए जाएंगे. बैंकिंग प्रणाली में पर्याप्त लिक्विडिटी  सुनिश्चित की जाएगी.

    कुछ सुविधाएं बढ़ीं

    रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कुछ ऐसी घोषणाएं कीं जिनसे जनता को सुविधा होगी जैसे कि रुपे क्रेडिट कार्ड को यूपीआई (युनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) से जोड़ा जाएगा. शहरी सहकारी बैंक घर के दरवाजे पर बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराएंगे. इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से नियमित अंतराल पर जरूरी सेवाओं के लिए खुद-ब-खुद होने वाले भुगतान को 5000 रुपए से बढ़ाकर अब 15,000 रुपए कर दिया गया है. रिजर्व बैंक का प्रयास महंगाई को नियंत्रित करना और विकास की गति को बनाए रखने में मदद देना है.