5जी के लिए तैयार रहना होगा देश को

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    भारत में 117 करोड़ टेलीकॉम उपयोगकर्ता तथा 82 करोड़ से अधिक इंटरनेट ग्राहक हैं. डिजिटल उपभोक्ताओं के लिए भारत सबसे तेजी से बढ़ता बाजार है. देश के विकास व आत्मनिर्भरता में डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर का बड़ा योगदान है. शीघ्र ही देश में 5जी तकनीक आनेवाली है. प्रमुख स्मार्टफोन निर्माताओं ने 5जी क्षमता के फोन बनाने शुरू कर दिए हैं. देश की 25 लाख ग्राम पंचायतों को ब्राडबैंड कनेक्टिविटी देने का सरकार का लक्ष्य है. 

    इसके लिए अगली पीढ़ी का डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर जरूरी है. 5जी के लिए उच्चकोटि के ऑप्टिकल फाइबर और सेमी कंडक्टर पर आधारित डिवाइस की जरूरत पड़ेगी. पिछले 10 वर्षों में घरेलू उद्योजकों ने इस उद्योग में 5,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है जिससे 4 लाख से ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध हुआ है. भारत ने अप्रैल 2020 से नवंबर 2021 तक 132 देशों को 13.80 करोड़ डॉलर का ऑप्टिकल फाइबर निर्यात किया है. 

    भारत की क्षमता 10 करोड़ फाइबर किलोमीटर निर्माण की है, जबकि घरेलू उपभोग 4.6 करोड़ किमी का है. अभी देश के 30 प्रतिशत मोबाइल टावर में फाइबर कनेक्टिविटी है, जिसे बढ़ाकर 80 प्रतिशत करने की जरूरत है. भारत के ऑप्टिक फाइबर उद्योग को चीन, इंडोनेशिया व दक्षिण कोरिया से अवांछित स्पर्धा करनी पड़ रही है. ये देश बाजार मूल्य से कम पर अपना उत्पादन भारत में बेच रहे हैं. घरेलू उद्योग को बचाने के लिए इन देशों पर एंटी डम्पिंग ड्यूटी लगानी होगी.