क्रिकेट के नए भगवान का ‘विराट’ करिश्मा

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क्या इससे बेहतर मंच हो सकता था? क्रिकेट के ‘भगवान’ सचिन तेंदुलकर व एकदिवसीय बल्लेबाजी के राजा सर विवियन रिचर्ड्स और महान फुटबॉलर डेविड बेकहम दर्शकों में शामिल थे. इन्हें अपना आदर्श व हीरो मानने वाले विराट कोहली मैदान में थे. कोहली ने इतिहास को पलटा, अपने चाहने वालों को निराश नहीं किया और 50 एकदिवसीय शतक लगाने वाले पहले बैटर बने. इस स्वर्णिम अवसर को शब्दों में व्यक्त करना कठिन था, लेकिन पाकिस्तान के लीजेंड वसीम अकरम ने यह कहकर काम आसान कर दिया, “हम विराट कोहली के युग में रह रहे हैं. मुबारकबाद, बादशाह सलामत!” एकदिवसीय मैचों की अपनी 16 नॉकआउट पारियों में कोहली का यह पहला शतक था और  सर्वश्रेष्ठ स्कोर (117 रन) भी.

विश्व कप में यह उनका 5वां शतक था, लेकिन विश्व कप के एक सत्र में 50 प्लस के 8 स्कोर (10 पारियों में 3 शतक व 5 अर्द्धशतक) करने वाले वह पहले बैटर बने और ऐसा करते हुए उन्होंने तेंदुलकर (2011) व शाकिब उल हसन (2019 ) के रिकॉर्ड को भी  तोड़ा, जिन्होंने एक सत्र में 50 प्लस के 7 स्कोर किए थे. तेंदुलकर ने 2003 विश्व कप की 11 पारियों में रिकॉर्ड 673 रन बनाए थे, कोहली ने इस सत्र में 10 पारियों में 711 रन बनाकर उसे भी तोड़ दिया है. बहरहाल, कोहली (117 रन), श्रेयस अय्यर (105 के फाइनल रन), शुभम गिल ( 80 नाबाद) रोहित शर्मा (47 रन) व केएल राहुल (39 नाबाद) की बदौलत भारत ने 4 विकेट के नुकसान पर 397 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया, जोकि विश्व कप के किसी भी नॉकआउट मैच में सर्वाधिक है. इसके पहले 2015 के क्वार्टरफाइनल में न्यूजीलैंड ने वेस्टइंडीज के विरुद्ध 6 विकेट खोकर 393 रन बनाए थे.

भारत के इस रिकॉर्ड स्कोर में अय्यर ने भी विश्व कप के नॉकआउट गेम में सबसे तेज शतक (मात्र 67 गेंद) हैं. लगाने का रिकॉर्ड बनाया और 2007 फाइनल में श्रीलंका के विरुद्ध एडम , गिलक्रिस्ट के 72 गेंद शतक का रिकॉर्ड तोड़ा. कुमार संगाकारा के बाद विश्व कप में लगातार चार 75 प्लस का स्कोर करने वाले अय्यर दूसरे बैटर है. हिटमैन रोहित मैच को प्रभावित करने वाली बल्लेबाजी कर रहे हैं. न्यूजीलैंड के विरुद्ध सेमीफाइनल में भी उन्होंने 4 चौकों व इतने ही छक्कों की बदौलत मात्र 29 गेंदों में 47 रन बनाए, इस विश्व कप की 10 पारियों में रोहित 28 छक्के लगा चुके हैं. अब तक विश्व कप में सबसे ज्यादा छक्के गेल ने लगाए थे, 34 पारियों में 49 छक्के. रोहित ने न सिर्फ इस रिकॉर्ड को तोड़ा है, बल्कि विश्व कप में 50 छक्के लगाने वाले वह पहले बैटर बने अब रोहित के 27 पारियों में 51 छक्के हैं.

विश्वकप जीतने का पूरा भरोसा

वानखेड़े स्टेडियम की बेजान पिच पर जसप्रीत बुमराह (64 रन). मोहम्मद सिराज (78 रन), रविन्द्र जडेजा (63 रन) व कुलदीप यादव (55 रन) जैसे किफायती व प्रभावी गेंदबाज बेअसर प्रतीत हो रहे थे. ऐसे में मोहम्मद शमी के इरादे कुछ और ही थे. शमी ने वानखेड़े के सेमीफाइनल को ‘शमी फाइनल’ बना दिया. उन्होंने 57 रन देकर 7 विकेट लिए, जोकि विश्व कप के नॉकआउट मैचों में किसी भी गेंदबाज का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है और भारत के लिए सभी एकदिवसीय मैचों में आज तक की सबसे बेहतर गेंदबाजी शमी निश्चित रूप से इस विश्व कप में भारत के लिए छुपा हुआ हथियार साबित हुए हैं, उन्हें पहले 4 मैचों में टीम मैनेजमेंट की सुरक्षित मानसिकता के चलते खिलाया नहीं गया था, लेकिन हार्दिक के चोटिल होने की वजह से शमी को अवसर मिल गया, जिसे उन्होंने ऐसा भुनाया कि टीम की जीत के स्टार बन गए.

उन्होंने अपने पहले मैच में न्यूजीलैंड के विरुद्ध 5 विकेट लिए, दूसरे मैच में इंग्लैंड के विरुद्ध 4 विकेट लिए, तीसरे मैच में श्रीलंका के विरुद्ध 5 विकेट लिए, चौथे मैच में दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध 2 विकेट लिए, 5वें मैच में नीदरलैंड्स के खिलाफ उन्हें कोई विकेट नहीं मिला और छठे मैच में न्यूजीलैंड के विरुद्ध रिकॉर्ड 7 विकेट लिए. इस तरह शमी ने मात्र 6 मैचों में 23 विकेट लिए हैं, जो विश्व कप के एक सत्र में भारत के लिए सर्वाधिक हैं, शमी के अब 54 विकेट है जो कि जहीर खान व जवागल श्रीनाथ के 44-44 विकेटों से 10 अधिक है. इस समय हमारी टीम जैसा शानदार प्रदर्शन कर रही है. उससे पूरा भरोसा बन रहा है कि 12 वर्ष बाद भारत तीसरी बार विश्व कप उठाने में सफल रहेगा.