बगावत के 1 माह बाद शिवसेना सांसदों का अलग गुट

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    शिवसेना के 19 में से 12 सांसदों ने ताकतवर नेता के रूप में उभरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के प्रति निष्ठा जताते हुए उनका समर्थन किया है. शिंदे की बैठक में आनलाइन भाग लेने वाले इन सांसदों ने अपना पृथक गुट बनाना तय किया है. वे इस संबंध में लोकसभा स्पीकर ओम बिडला को औपचारिक पत्र देंगे. शिंदे गुट सांसद राहुल शेवाले को लोकसभा में अपना नेता नियुक्त करेगा. 

    मुख्यमंत्री शिंदे अपने दिल्ली प्रवास में इन सांसदों से मिलकर आगे की रणनीति तय करेंगे. शिवसेना के 3 सांसदों ने पहले ही शिंदे के प्रति अपनी निष्ठा का एलान कर दिया था. इनमें मुख्यमंत्री के बेटे श्रीकांत शिंदे, भावना गवली और पुणे के सांसद संजय महाडिक शामिल हैं. भावना गवली ईडी के निशाने पर थी और इस माह के शुरु में उन्हें चीफ व्हिप के पद से हटाया गया था. 

    अब शिंदे गुट भावना को चीफ व्हिप बना सकता है. यद्यपि 12 शिवसेना सांसद अपना अलग ग्रुप बनाने जा रहे हैं लेकिन राज्यसभा सांसद संजय राऊत ने दावा किया कि लोकसभा में शिवसेना सांसद एक जुट हैं और यदि कोई बागी गुट के साथ मुलाकात या बैठक करेगा तो उस पर कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे का एक और बड़ा झटका देते हुए उनकी राष्ट्रीय कार्यकारिणी को बर्खास्त कर अपनी ओर से नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी घोषित कर दी. 

    इससे तिलमिलाकर संजय राऊत ने कहा कि स्वयं मुख्यमंत्री शिंदे के सिर पर अपात्रता की तलवार लटकी हुई है क्योंकि मामला कोर्ट में विचाराधीन है और शीघ्र ही उसकी सुनवाई होने वाली है. ऐसे में 56 वर्ष पुरानी बाल ठाकरे की शिवसेना को बर्खास्त करने का अधिकार शिंदे को किसने दिया? शिंदे ने नई कार्यकारिणी में उद्धव गुट से निकाले गए रामदास कदम और आनंदराव अडसूल को नेता के तौर पर नियुक्त किया. 

    इसके अलावा उपनेता पद पर यशवंत यादव, गुलाबराव पाटिल, उदय सामंत, शरद मोंक्षे, तानाजी सावंत, विनय नाहटा और शिवाजीराव पाटिल को नियुक्त किया गया. उद्धव ठाकरे को छोड़कर पूरी कार्यकारिणी बर्खास्त करना भी शिंदे की रणनीति का एक पहलू है. उम्मीद की जाती है कि शिंदे गुट के सांसदों में से एक को केंद्र में कैबिनेट मंत्री व दूसरे को राज्यमंत्री का पद दिया जा सकता है. चुनाव आयोग के सामने शिंदे अपने गुट के असली शिवसेना होने का दावा पेश करेंगे.