‘आप’ दिल्ली-पंजाब की सत्ता में पराली जलाना बंद करने से सुधरेगा पर्यावरण

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    दिल्ली के बाद पंजाब में भी आम आदमी पार्टी की सरकार आ जाने के बाद ‘आप’ के संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से उम्मीद की जाती है कि वे वायु प्रदूषण रोकने की दिशा में सक्रिय कदम उठाएंगे. पंजाब में किसान पराली फसलों की कटाई के बाद बचा हुआ ठूंठ जलाते हैं जिसका धुआं दिल्ली एनसीआर तक आता है और प्रदूषण स्तर इतना बढ़ जाता है कि सांस लेना तक दूभर होता है. पंजाब में भगवंत मान की ‘आप’ सरकार पराली जलाना बंद करवा दे. ऐसा केमिकल छिड़का जा सकता है जिससे फसलों के ठूंठ गलकर खाद बन जाते हैं और खेत में फसल बोई जा सकती है.

    दिल्ली के सीएम रहते केजरीवाल वायु प्रदूषण की समस्या और खतरे से वाकिफ हैं. उन्हें खुद इसकी वजह से बार-बार खांसी आती थी. बाद में उन्होंने बंगलुरु जाकर अपना इलाज कराया. विश्वस्तरीय एयर क्वालिटी रिपोर्ट 2021 के अनुसार दिल्ली दुनिया का सबसे अधिक प्रदूषित राजधानी का शहर है. इससे फेफडे की बीमारियां बढ़ी हैं. यदि प्रदूषण नहीं रोका गया तो भारत का 5 खरब डालर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य में बाधा आएगी. केजरीवाल ने दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए वाहनों के नंबर के आधार पर आड-ईवन का प्रावधान किया था इससे सड़कों पर गाड़ियों की तादाद घटी थी.

    धुएं को खींच लेने वाले स्मोक टावर भी लगवाए थे. पराली जलाने के अलावा ईंट बनाने के भट्ठे-औद्योगिक गतिविधियों तथा पत्थर का कोयला, लकड़ियां व कचरा जलाने से भी प्रदूषण फैलता है. पुराने वाहनों का काला धुआं भी हवा की क्वालिटी को क्षति पहुंचाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की वायु गुणवत्ता गाइडलाइन में भारत कहीं नहीं ठहरता. सारे शहरों में वायु प्रदूषण है. खास तौर पर उत्तरी राज्यों के मैदानी इलाकों व दिल्ली में हवा ऊपर की ओर नहीं उठ पाती इसलिए प्रदूषण अधिक देखा जाता है. यदि वायुप्रदूषण पर काबू पा लिया जाए तो इंसान की आयु और 10 वर्ष बढ़ सकती है.