एक और ‘पड़ोसी राष्ट्र’, बांग्लादेश भी फंसा चीन के चंगुल में

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भारत के लिए अत्यधिक चिंता की बात है कि दुश्मन देश चीन उसे चारों तरफ से घेरता चला जा रहा है। हमारे हर पड़ोसी देश को अपने चंगुल में फंसाने में चीन (China) को लगातार कामयाबी मिल रही है। इसके पीछे उसकी कुटिल रणनीति है कि हिंद महासागर क्षेत्र में अपना वर्चस्व बना ले और खुद को एशिया की एकमात्र बड़ी ताकत के रूप में पेश करे। अपनी सधी हुई चाल के तहत पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, मालदीव, श्रीलंका को वह विकास के लिए सहायता के नाम पर कर्ज के बोझ से लाद रहा है।

चीनी बैंकों के मार्फत ऊंची ब्याज दर पर यह ऋण दिया जाता है और बदले में कर्ज लेनेवाले देशों के संसाधन गिरवी रख लिए जाते हैं। पाकिस्तान का ग्वादर और श्रीलंका का हंबनटोटा बंदरगाह चीन ने इसी तरीके से हथियाया है। जो भी देश चीन के कर्जजाल में फंसा उसकी बुरी हालत होती चली गई। श्रीलंका और पाकिस्तान की कंगाली इसकी मिसाल है। पाकिस्तान ने उत्तरी कश्मीर का हिस्सा चीन को वन बेल्ट वन रोड इनीशियेटिव योजना के लिए सौंप दिया। अब चीन ने बांग्लादेश पर डोरे डाले हैं।
 
यह दोनों देश भारत के पड़ोस में संयुक्त सैनिक अभ्यास करनेवाले हैं। इसे चीन-बांग्लादेश गोल्डन फ्रेंडशिप 2024 ज्वाइंट मिलिट्री एक्सरसाइज का नाम दिया गया है। इस अभ्यास की घोषणा बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के चीन दौरे से पहले की गई है। कहा जा रहा है कि इस संयुक्त सैन्य अभ्यास में दोनों देश बंधकों को छुड़ाने और आतंकी शिविरों को ध्वस्त करने जैसे मिशन को अंजाम देंगे। बांग्लादेश में चीन की दखलंदाजी अनेक वर्षों से चल रही हैं। चीन ने बांग्लादेश के विभिन्न प्रोजेक्ट में 25 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश किया है जो पाकिस्तान के बाद द।

एशिया में दूसरा सबसे बड़ा निवेश है। चीन ने बांग्लादेश में पुलों, सड़कों, हवाई अड्डे, रेल ट्रैक व पावर प्लांट निर्माण में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2009-10 में 3।3 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2021-22 में 20 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया है। बांग्लादेश से आयात सामग्री पर चीन कोई शुल्क नहीं लगाता। चीन से बांग्लादेश को नौसैनिक सहयोग मिल रहा है। 

चीन के कर्ज से बंगाल की खाड़ी के तट पर कॉक्स बाजार में नेवल बेस बनाया गया है जहां एक साथ 6 पनडुब्बी और 8 युद्धपोत रखे जा सकते हैं। चीन ने रियायती कीमत पर बांग्लादेश को 2 पनडुब्बियां भी दी हैं। इस तरह देखा जाए तो बंगाल की खाड़ी में चीन अपनी पनडुब्बियां बेरोकटोक उतार सकता है। खतरा यह है कि चीन कहीं आगे चलकर बांग्लादेश को भारत के खिलाफ इस्तेमाल न करे। सुरक्षा के लिहाज से यह खतरे की घंटी है।