बड़ा प्रोजेक्ट गुजरात गया, आदित्य ठाकरे ने दिखाए तीखे तेवर

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    महाराष्ट्र के औद्योगिक विकास को ताक पर रखकर लगभग 1.54 लाख करोड़ रुपए के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट वेदांता-फॉक्सकॉन को गुजरात ले जाया जाना कुछ ऐसा ही है, जैसे मुंह से कौर छीन लिया गया. यह कैसी राजनीति है जिसमें गुजरात को अति समृद्ध बनाने के लिए महाराष्ट्र का अहित किया जा रहा है? इस मुद्दे पर महाविकास आघाड़ी की नाराजगी स्वाभाविक है. 

    राज्य में सरकार बदलते ही बीजेपी ने अपना खेल खेला. इस मुद्दे पर शिवसेना के युवा नेता आदित्य ठाकरे ने शिंदे-फडणवीस सरकार पर बरसते हुए कहा कि खुद के खोके के लिए महाराष्ट्र के साथ धोखा किया गया. महाराष्ट्र में प्रस्तावित वेदांता-फॉक्सकॉन का सेमीकंडक्टर प्लांट गुजरात चला गया. इस पर नाराजगी जताते हुए आदित्य ने कहा कि आघाड़ी सरकार के कार्यकाल में इस प्रोजेक्ट को लेकर 95 प्रतिशत चीजें फाइनल हो गई थीं, बस प्रोजेक्ट पर अंतिम मुहर लगनी बाकी थी. 

    उन्होंने कहा कि मेरे साथ उद्योग मंत्री सुभाष देसाई वेदांता-फॉक्सकॉन कंपनी से चर्चा कर रहे थे. आश्चर्य की बात है कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि सबकुछ ठीक हो जाने के बाद यह बड़ी कंपनी महाराष्ट्र से बाहर चली गई? आदित्य ने आरोप लगाया कि शिंदे-फडणवीस की सरकार एक खोका सरकार है जो सिर्फ अपने हित के लिए काम कर रही है. केवल शिवसेना ही नहीं, एनसीपी और कांग्रेस ने भी इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के गुजरात शिफ्ट हो जाने पर नाराजगी जताई. 

    एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने कहा कि मोदी-शाह के प्रदेश गुजरात ने एक बार फिर महाराष्ट्र के मुंह से निवाला छीन लिया है. क्या इस प्रोजेक्ट को लाने के बाद सीएम एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस राज्य के शिक्षित और बेरोजगार युवाओं से माफी मांगेंगे? कांग्रेस नेता अतुल लोंढे ने तीखा बयान देते हुए कहा कि अब क्या मुंबई भी गुजरात को दे दी जाएगी? क्या महाराष्ट्र में गुजरात की सरकार चल रही है? राज्य के हित में शिंदे-फडणवीस सरकार की विदाई जल्दी करनी होगी.