निंदनीय पूर्वाग्रह, नेहरू जयंती से BJP को परहेज

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    आधुनिक भारत के निर्माता तथा देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू के प्रति सम्मान रखना तो दूर, बीजेपी उनसे नफरत करती है. वजह यह भी हो सकती है कि नेहरू और उनके वंशजों (इंदिरा व राजीव) की अपार लोकप्रियता के चलते, पहले जनसंघ और फिर बीजेपी को केंद्र की सत्ता में आने का मौका नहीं मिल पाया था. नेहरू की धर्मनिरपेक्षता बीजेपी की आंखों की किरकिरी बनी रही. जो भी हो, यह खेद का विषय है कि संसद में नेहरू जयंती के पारंपरिक कार्यक्रम में राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला तथा केंद्र सरकार के कोई भी मंत्री शामिल नहीं हुए. 

    मतलब यह कि उन्होंने कार्यक्रम का जानबूझकर बायकाट किया. ऐसी असहिष्णुता स्व. अटलबिहारी वाजपेयी के साथ नहीं थी. 27 मई 1964 को नेहरू के निधन पर अपने शोक संदेश में वाजपेयी ने लिखा था- महर्षि वाल्मिकी ने रामायण में भगवान राम के बारे में कहा था कि वे असंभव बातों के समन्वयक थे. इसी बात की झलक नेहरू के व्यक्तित्व में थी. वे शांतिदूत होने के साथ ही क्रांति के अग्रदूत भी थे. वे अहिंसा के पुजारी होने पर भी अपने देश की रक्षा व सम्मान के लिए हर प्रकार का शस्त्र इस्तेमाल करने के पक्ष में थे. नेहरू उदारवादी होने पर भी दृढ़ थे. नेहरू ने औद्योगिकरण को प्रोत्साहन दिया. 

    भिलाई, राउरकेला और दुर्गापुर जैसे स्टील प्लांट क्रमश: रूसी, जर्मन और ब्रिटिश सहयोग से बनवाए. भाखड़ा-नंगल और हीराकुंड जैसे बड़े बांधों का निर्माण करवाया. परमाणु शक्ति आयोग का गठन किया और डा. होमी भामा को उसकी जिम्मेदारी सौंपी. जब अमेरिका और रूस के बीच भीषण तनाव था तब नेहरू ने किसी भी गुट में शामिल न होकर गुटनिरपेक्ष आंदोलन की नींव रखी और नासर, टीटो और सुकार्णो को अपने साथ लिया. नेहरू 16 वर्ष तक अंग्रेजों की जेल में रहे. उनका करिश्माई व्यक्तित्व व नेतृत्व था. 

    चीन ने 1962 में विश्वासघात न किया होता तो नेहरू कुछ और वर्षों तक जीवित रहे. नेहरू उदारवादी थे. भारत के संसदीय लोकतंत्र को उन्होंने मजबूती दी. वे अपने कटु आलोचकों डा. लोहिया, आचार्य रंगा, एचवी कामथ, आचार्य कृपलानी, आचार्य नरेंद्रदेव, पुरुषोत्तम दास टंडन की बात ध्यान से सुनते थे. वे विपक्ष के प्रति असहिष्णु नहीं थे. उन्होंने 17 सितंबर 1952 को संपादकों के सम्मेलन में कहा था कि वैचारिक अभिव्यक्ति का दमन करना खतरनाक है.