साइड इफेक्ट साबित होने पर कोरोना वैक्सीन को मार्केट से वापस लिया

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पहले जानलेवा साइड इफेक्ट वाली वैक्सीन (Corona vaccine) बनाना और फिर इसकी खामियां सामने आने पर इसे वापस लेना, आखिर किस तरह का खेल है? क्या वैक्सीन निर्माता कंपनी इंसानों को अपने प्रयोग का हिस्सा समझती हैं? दिगाज फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने कोविशील्ड वैक्सीन के दुष्प्रभावों को स्वीकार करने के बाद कहा कि वह वैक्सीन को वैश्विक स्तर पर वापस ले रही है। इससे पहले कंपनी ने अदालती दस्तावेजों में स्वीकार किया था कि उनके द्वारा बनाई गई कोरोना वैक्सीन लगने से खून के थक्के जमना जैसे गंभीर साइड इफेक्ट या दुष्परिणाम हो सकते हैं। एस्ट्रोजनेका अपनी वैक्सीन के साइड इफेक्ट के चलते ही ब्रिटेन में करीब 100 मिलियन पाउंड के मुकदमे झेल रही है। 

उसका कहना है कि दुनिया भर में उसकी वैक्सीन के 3 अरब डोज पहुंचाए गए लेकिन सिर्फ 81 मामलों में साइड इफेक्ट हुआ। साइड इफेक्ट की वजह से मौत की आशंका 10 लाख लोगों में से किसी 1 की ही होती है। यूके स्थित एस्ट्राजेनेका कंपनी की विश्वस्तर पर वैक्सीन वापस लेने की घोषणा के बाद सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (एसआईआई) ने कहा कि मांग में गिरावट आने तथा नए वैरिएंट सामने आने पर उसने दिसंबर 2021 में कोविशील्ड वैक्सीन का निर्माण व सप्लाई बंद कर दी थी। भारत में 80 प्रतिशत टीकाकरण कोविशील्ड से ही किया गया। प्रवक्ता ने स्वीकार किया कि वैक्सीन के साइड इफेक्ट के रूप थ्रोम्बोसिस व ब्लड क्लॉट हो सकता है लेकिन ऐसा बहुत कम लोगों को होता है। खून में प्लेट लेट में भी गिरावट आ सकती है।

यूके में अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि प्रति 1 लाख वैक्सीन दिए हुए लोगों में से 2।4 को टीटीएस की समस्या हुई। टीटीएस का अर्थ है कम प्लेटलेट काउंट के साथ खून का थक्का जम जाना। जिन लोगों को पहले से हृदय, किडनी, लीवर, कैंसर की बीमारी है या जो मस्तिष्क रोग से पीड़ित हैं उन्हें टीटीएस होने का अधिक खतरा देखा गया।

कोई स्वीकार करे या न करे लेकिन कोविड की वैक्सीन लेने के बाद कुछ युवाओं की अचानक हार्टअटैक से मौत हुई। कुछ के फेफड़े कमजोर हो गए। इसके बावजूद एस्ट्रोजनेका ने कहा कि उसे अपनी वैक्सीन पर गर्व है जिससे 6।5 मिलियन से ज्यादा लोगों की जान बचाई गई तथा विश्वस्तर पर 3 बिलियन खुराक की आपूर्ति की गई। वैश्विक महामारी को समाप्त करने में कंपनी ने अभूतपूर्व योगदान दिया।

(एजेंसी)