editorial air-india-urinating-case-accused-shankar-mishra-uturns-in-court-tells-i-did-not-pee-on-woman

    Loading

    एयर इंडिया की न्यूयार्क से दिल्ली आ रही फ्लाइट की बिजनेस क्लास में सहयात्री बुजुर्ग महिला पर लघुशंका करने के आरोपी शंकर मिश्रा ने यू-टर्न लेते हुए कहा कि उसने यह आपत्तिजनक कृत्य किया ही नहीं बल्कि स्वयं को पीड़ित बतानेवाली महिला ने खुद ही अपने कपड़ों पर लघुशंका कर दी थी. जब ऐसी बात हैं तो कुछ समय बाद कहेगा कि वह तो हवाई जहाज में ही नहीं था. महिला ने इस आरोप को पूरी तरह झूठा बताया. मिश्रा के वकील ने तो और भी मूर्खतापूर्ण दलील दी. उसने कहा कि कत्थक नृत्य करनेवाली 70 प्रतिशत महिलाएं लघुशंका नहीं रोक पाने की बीमारी से पीड़ित रहती हैं. एक वकील और कुचिपुड़ी नर्तकी रश्मि वैद्यलिंगम ने कहा कि मैंने जो सुना वह सबसे हास्यास्पद बात है.

    कोई ऐसा कैसे सोच सकता है! यात्रियों, चालक दल और सभी चश्मदीदों को शर्म आनी चाहिए जो इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं. तथ्यों से यह बात स्पष्ट है कि मिश्रा ने इंटरनेशनल फ्लाइट में बार-बार मंगवाकर शराब पी. हो सकता है कि विमान में सवार होने से पहले भी उसने पी रखी हो. वह काफी नशे में था और अपनी बगलवाली सीट के यात्री से बार-बार एक ही सवाल पूछ रहा था कि उसके बच्चे क्या करते हैं? डोमेस्टिक फ्लाइट में शराब नहीं दी जाती लेकिन अंतरराष्ट्रीय लंबी दूरी की फ्लाइट में ड्रिंक्स सर्व किए जाते हैं.

    बिजनेस क्लास वाले तो बार-बार शराब मंगवाते हैं. जब ब्लेडर पर जोर पड़ता है तो नशे में उन्हें पता ही नहीं चलता कि टॉयलट किधर है. शंकर मिश्रा भी ऐसी ही हालत में था. उसने पैंट की जिप खोली और महिला पर लघुशंका कर दी. ऐसी घटनाओं को गंभीरता से लेना एयरलाइन तथा एयरपोर्ट अधिकारियों का फर्ज है लेकिन मिश्रा को किसी ने नहीं रोका और वह निकल गया. इंग्लैंड में प्रचलित ‘लॉ आफ टार्ट’ यहां भी लागू होना चाहिए ताकि दंड के अलावा ऐसे मामलों में मुआवजा मिल सके.

    चिंता की बात है कि ऐसे मामले बढ़ रहे हैं. 26 नवंबर की उपरोक्त घटना के बाद 6 दिसंबर को भी एयर इंडिया की पेरिस से दिल्ली आनेवाली फ्लाइट में एक व्यक्ति ने एक महिला यात्री की सीट और ब्लैंकेट पर लघुशंका कर दी. उस समय महिला टायलेट गई हुई थी. बाद में महिला और उस यात्री के बीच समझौता हो गया. एयरलाइन ने भी पुलिस में रिपोर्ट नहीं की. ऐसी घटनाओं में सख्ती बरती जानी चाहिए.