editorial Black magic or coincidence, what kind of coincidence is this

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    एक जमाने में बंगाल का काला जादू काफी चर्चा में था. छत्तीसगढ़ में आज भी टोना-टोटका को माननेवाले लोग बड़ी तादाद में हैं. इस विज्ञान युग में भी कितने ही पढ़े-लिखे लोग बिल्ली के रास्ता काटने या किसी के छींक देने पर ठिठककर वहीं रूक जाते हैं. अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के प्रयासों के बावजूद समाज को अभी तक अंधविश्वासों से पूरी तरह मुक्ति नहीं मिल पाई है. कितने ही लोग 13 का आंकड़ा अशुभ मानते हैं तथा कोई महत्वपूर्ण काम करने से पहले राहुकाल टल जाने का इंतजार करते हैं. जब लगातार अनेक अनहोनी घटनाएं होती चली जाएं तो शंका होती है कि सब कुछ सामान्य नहीं है. तर्कशील या रैशनलिस्ट लोग जादू-टोने पर बिल्कुल विश्वास नहीं करते और इसे पाखंड, जालसाजी, नजरों का धोखा या हाथ की सफाई मानते हैं. दूसरी ओर जादू का अस्तित्व माननेवालों की भी कमी नहीं है.

    यह आश्चर्यजनक है कि शिवसेना ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर जादू-टोने का आरोप लगाया है. पार्टी ने शिंदे के गुवाहाटी के कामाख्या मंदिर जाने और वहां भैंसे की बलि चढ़ाने को लेकर निशाना साधा है कि वह काला जादू कर रहे हैं. जबसे शिंदे सरकार आई है, उनके राजनीतिक विरोधियों के साथ दुर्घटनाएं होने लगी हैं. शिवसेना ने धनंजय मुंडे की पसलियां टूटने, मेटे की मौत, कांग्रेस के नेता बाला थोरात का दुर्घटना में घायल होना, अजीत पवार का लिफ्ट में फंसकर नीचे गिरना, सुप्रिया सुले की साड़ी में आग लगना, उद्धव ठाकरे की बीमारी और संजय राऊत के जेल जाने की लिंक ब्लैक मैजिक या काले जादू से जोड़ी है.

    शिवसेना ने यह भी आरोप लगाया कि एकनाथ शिंदे जिस भी राज्य में जाते हैं, वहां किसी न किसी ज्योतिषी या तंत्र विद्या जाननेवाले पंडित से जरूर मिलते हैं. मुख्यमंत्री रहते हुए उद्धव ठाकरे को गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ा था. उनकी कठिन सर्जरी करनी पडी थी. वे कुछ समय के लिए अस्वस्थ हो गए थे, उसी समय महाराष्ट्र में सरकार गिराने का खेल शुरू हुआ था. शिवसेना की ओर से कहा गया कि हमने हमेशा अंधश्रद्धा के खिलाफ लड़ाई लड़ी हैं.

    जादू-टोना इत्यादि पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने कानून भी बनाया था लेकिन महाराष्ट्र में शिंदे-फडणवीस सरकार आने के बाद से जादू-टोना, काला जादू, पिन, नीबू-मिर्ची आदि अंधश्रद्धा को बढ़ावा मिलता नजर आ रहा है. राजनीतिक क्षेत्र में काले जादू के आरोप पहले भी लगते रहे हैं. पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंहराव के तांत्रिक चंद्रास्वामी से निकटता थी. वे सत्य साईबाबा के पास भी जाया करते थे. पूर्व पीएम चंद्रशेखर की औधड़ बाबा भगवान राम के प्रति श्रद्धा थी. लोगों का अपना-अपना विश्वास रहता है.