If accident is to be avoided, it is necessary to walk in speed control and lane

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अच्छी से अच्छी सड़कें बना दो लेकिन जब तक स्पीड कंट्रोल या लेन में चलने का अनुशासन नहीं होता तब तक दुर्घटनाएं रुक पाना मुश्किल है. देश में एक्सप्रेस वे बनते चले जा रहे हैं ताकि यात्रा सुखद व आरामदेह हो और कम समय में पूरी की जा सके. राष्ट्रीय राजमार्ग  प्राधिकरण ने समूचे देश में यह बीड़ा उठा रखा है कि मजबूत और टिकाऊ एक्सप्रेस वे जनता को उपलब्ध हो जाएं. यह कार्य द्रुत गति से चल रहा है. नागपुर से मुंबई तक बनाए जानेवाले समृद्धि महामार्ग के पीछे भी यही उद्देश्य रहा है कि इस मार्ग के इर्द गिर्द औद्योगिक बस्तियों का क्लस्टर बने तथा लोगों को रोजगार मिले. उत्पाद या माल का यातायात भी सुगमता से हो. एक उपयोगी और भरोसेमंद कनेक्टिविटी देने के लिए यह महामार्ग बना जिसका लोग फायदा उठा रहे हैं परंतु दूसरा दुखद पहलू यह भी है कि समृद्धि महामार्ग सहित देश के तमाम महामार्गों पर 5 लाख दुर्घटनाएं हुई हैं जिनमें डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों को जान गंवानी पड़ी. हादसा कभी बताकर नहीं होता लेकिन फिर भी यह बात पक्की है कि वाहन चालक गति सीमा या स्पीड लिमिट का पालन नहीं करते इसलिए गाड़ी बेकाबू हो जाती है. रात में गाड़ी चलानेवालों को उचित प्रशिक्षण जरूरी है. ठंडी हवा में जरा भी झपकी लगी तो क्षण मात्र में दुर्घटना हो जाती है. यह भी कहा गया है कि महामार्ग के किनारे वृक्ष होने चाहिए. इससे गर्मी के राहत के अलावा वाहन चालक की आंखों को भी आराम मिलता है जो लगातार सीमेंट-कंक्रीट की एक जैसी सड़क को देखते-देखते सम्मोहित हो जाता है. लंबे महामार्ग पर जगह-जगह ब्रेक लेकर कुछ देर रुकना भी जरूरी है. इससे घर्षण की वजह से गर्म हुए टायरों को ठंडा होने का समय मिल जाएगा. टायर गर्म होने से उसकी हवा फैलती है और फूटने का अंदेशा बना रहता है. यद्यपि ऐसे वाहनों को समृद्धि महामार्ग पर जाने से रोक दिया जाता है जिनके टायर घिसे हुए हों. इसके अलावा वाहन की फिटनेस भी देखी जानी चाहिए. उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि दुर्घटनाएं रोकने के लिए एक्सप्रेस वे पर एक स्मार्ट सिस्टम स्थापित किया जा रहा है. यह सिस्टम वाहनों की गति की जांच कर उन्हें सचेत करेगा. अजीत पवार का आरोप है कि बार-बार यह साबित हुआ है कि समृद्धि राजमार्ग के दोषपूर्ण निर्माण और मानवीय भूल के कारण हादसे हो रहे हैं. वास्तव में वाहन चालकों को समझना चाहिए कि दुर्घटना से देर भली! वे पूरी सावधानी और सतर्कता से गाड़ी चलाकर हादसा टाल सकते हैं.