बढ़ती आबादी खतरे की घंटी, अगले वर्ष चीन को पछाड़ेगा भारत

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    संयुक्त राष्ट्र संघ के जनसंख्या विभाग के आर्थिक व सामाजिक कार्य विभाग ने अपनी वैश्विक आबादी अनुमान-2022 शीर्षक रिपोर्ट में कहा है कि अगले वर्ष चीन को पीछे छोड़कर भारत की जनसंख्या विश्व में सर्वाधिक रहेगी. 2023 में भारत की आबादी 1.412 अरब हो जाएगी. 2050 तक भारत की जनसंख्या 1.668 अरब तथा चीन की आबादी 1.317 अरब होगी. 

    इसका दबाव जमीन, खाद्यान्न, आवास संसाधनों तथा बुनियादी ढांचे पर आएगा जिसे संभाल पाना बेहद मुश्किल हो जाएगा. जन्म दर के अलावा अन्य देशों से आकर वैध या अवैध रूप से भारत में बसने वाले लोगों से भी आबादी तेजी से बढ़ती है. जीवन लंबा होने से भी आबादी के गणित में फर्क पड़ता है. पहले की तुलना में बुजुर्गों की तादाद बढ़ी है. 2019 में विश्व में औसत आयु 72.8 वर्ष थी. 

    मेडिकल सुविधाओं व अन्य कारणों से 2050 में औसत आयु 77.2 वर्ष हो जाएगी. 2050 तक जिन 8 देशों में सर्वाधिक आबादी होगी, वे हैं- कांगो, मिस्र, भारत, नाइजीरिया, पाकिस्तान, फिलीपीन्स व तंजानिया. भारत की आबादी बढ़ने को लेकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चिंता जताई है और इनके लिए एक वर्ग विशेष पर उंगली उठाई है. 

    इसी प्रकार केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि हमारे पास सीमित संसाधन हैं और आबादी सुरसा के मुख की तरह बढ़ रही है. 10-10 बच्चे पैदा करने की विकृत मानसिकता पर भी अंकुश लगाने की जरूरत है. समय की मांग है कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए एक कड़ा कानून बनाया जाए जो देश में और सभी धर्म के लोगों पर लागू हो.

    बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी को योगी आदित्यनाथ की बात चुभ गई. उन्होंने कहा कि जनसंख्या विस्फोट मुल्क की मुसीबत है लेकिन इसे किसी धर्म से जोड़ना जायज नहीं है. तेजी से बढ़ती आबादी के कारण सरकार की योजनाएं पूरी क्षमता से लागू नहीं हो पातीं. हितग्राहियों को लाभ नहीं मिल पाता क्योंकि उनकी तादाद में लगातार वृद्धि होती चली जाती है.