सफाई देने में 3 दिन क्यों लगे अभी भी अजीत की मंशा पर शंका

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यद्यपि एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजीत पवार ने उनके बीजेपी में शामिल होने विषयक सारी अटकलों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मैं एनसीपी में हूं और यहीं रहूंगा, लेकिन उन्हें लेकर कयास अभी भी जारी हैं. प्रश्न उठता है कि उन्हें सफाई देने में 3 दिन क्यों लगे? अभी भी उनकी मंशा पर शंका बनी हुई है. यह इसलिए भी है कि एक बार अजीत पवार व देवेंद्र फडणवीस ने तड़के सुबह शपथ लेकर 48 घंटे की सरकार बनाई थी. बाद में अजीत ने यू-टर्न ले लिया था. इसके बाद उद्धव ठाकरे को सीएम बनाकर राज्य में महाविकास आघाड़ी की सरकार बनी थी. तब ऐसा माना गया था कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार के नाराजगी जताने पर अजीत पवार ने अपने कदम वापस खींचे थे. इसके बाद मविआ सरकार में रहकर भी अजीत संतुष्ट नहीं थे.

एनसीपी की ओर से सोमवार को पुरंदर में किसान सभा का आयोजन किया गया था जिसमें पार्टी अध्यक्ष शरद पवार व पार्टी सांसद सुप्रिया सुले मौजूद थे लेकिन अजीत पवार कार्यक्रम से नदारद रहे. उनका पुरंदर दौरा निर्धारित था लेकिन उन्होंने अचानक इसे रद्द कर दिया. उनका कहना है कि वे स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने से पुरंदर नहीं गए. ऐसा माना जा रहा है कि शिंदे गुट के विधायकों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला कभी भी आ सकता है. बीजेपी का मानना है कि यदि सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे गुट के 16 विधायकों को अयोग्य करार दिया तो फिर महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट खड़ा हो सकता है.

इसी आशंका के चलते बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने प्लान बी के तहत अजीत पवार को अपने पाले में लाने के लिए दांव चल दिया है. शिंदे गुट के विधायकों की भरपाई अजीत पवार और उनके समर्थकों से हो जाएगी तथा शिंदे सरकार की मेजारिटी बरकरार रहेगी. यह भी अनुमान है कि ऐसी स्थिति में अजीत पवार कोई बड़ा पद मांगे जिसे देने के लिए भी बीजेपी नेतृत्व तैयार रहेगा. इस दौरान यह भी खबर थी कि अजीत पवार ने एनसीपी के 53 में से 40 विधायकों के हस्ताक्षर लिए.

इसके लिए उन्होंने पार्टी विधायकों को फोन किया था. अटकलें थी कि अजीत पवार के नेतृत्व में एनसीपी के अनेक विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं तथा इन विधायकों को अजीत पवार जो भी भूमिका लेंगे, वह मान्य होगी. इस दौरान एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अपने भतीजे अजीत पवार के बीजेपी में शामिल होने की अटकलों को ठुकराते हुए कहा कि पार्टी विधायकों की किसी ने कोई बैठक नहीं बुलाई है. अजीत पवार पार्टी के कामकाज में व्यस्त हैं और उनके द्वारा पार्टी छोड़ने की खबरें सिर्फ मीडिया में चल रही हैं.

अजीत देख रहे हैं कि एनसीपी और हमारी सभी सहयोगी पार्टियां शक्तिशाली कैसे बनें. अजीत पवार ने भी कहा कि हम शरद पवार के नेतृत्व में काम कर रहे हैं. पार्टी में उतार-चढ़ाव आते रहे हैं. हम सभी एनसीपी में हैं और रहेंगे. अटकलों में कोई तथ्य नहीं है. दूसरी ओर शिवसेना के प्रवक्ता संजय शिरसाट ने कहा कि एनसीपी में अजीत पवार सहित अनेक नेता बेचैन हैं. उनका गणित नहीं जम रहा है, इसलिए वे रूके हुए हैं.