पति ने ही रची थी पुजा कावले की हत्या की साजीश, पति समेत 4आरोपी गिरफ्तार

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    यवतमाल. वाशिम जिले की वाईगौल निवासी विवाहीता महिला पुजा अनिल कावले की हत्याकांड का मामला यवतमाल जिला पुलिस ने सुलझा लिया है.पुजा कावले की हत्या उसके पति अनिल कावले ने साजीश रचते हुए अपने साथीदारों की मदद से की थी. पुलिस ने पुजा की हत्या के मामलें में उसके पति अनिल कावले समेत 4 आरोपीयों को गिरफ्तार कर लिया है.

    एैसी जानकारी पुलिस ने दी है.बता दें की 16 नवंबर को पुजा का शव दिग्रस तहसील के सावंगा शिवार के पास खेत में मृतावस्था में मिला था. जिला पुलिस अधिक्षक डा.दिलीप पाटील भुजबल ने इस हत्या मामले को उजागर करने जांच दल का गठन किया था,इसकी जिम्मेदारी स्थानिय अपराध शाखा समेत सायबर सेल को दी गयी थी.

    जांच पडताल के दौरान पुलिस ने पुजा कावले की हत्या में शामिल आरोपीयों का सुराग लगाकर हत्या के मुख्य सुत्रधार उसके पति अनिल रमेश कावले निवासी शेलोडी तहसील दारव्हा समेत उज्वल पंढरी नगराले 22 निवासी रालेगांव, गौरव रामभाऊ राऊत 21 निवासी कलंब, अभिषेक बबन म्हात्रे 24 निवासी शिंदी बु.तहसील अचलपुर जिला अमरावती को कब्जे में लेकर उन्हे गिरफ्तार कर लिया, यह सभी आरोपी पुजा की हत्या को अंजाम देने के बाद अलग अलग स्थानों पर छिपकर बैठे थे.उनकी तलाश कर पुलिस ने उन्हे हिरासत में लिया.जबकी मामले में शामिल एक आरोपी फरार है.

    10 नवंबर को पुजा अपने मायके से पुणे जाने निकली थी, लेकिन उसके पुणे न पहूंचने से उसके भाई भोजराज पंजाबराव वानखेडे ने पुजा के लापता होने की शिकायत दिग्रस पुलिस थाने में दर्ज की थी. लेकिन 16 नवंबर को सावंगा शिवार में महिला का शव बरामद हुआ था,जिसकी शिनाख्त पुजा कावले के तौर पर होने के बाद दिग्रस थाने में धारा 302 के तहत अपराध दर्ज कर जांच शुरु की गयी थी.अपराध की गंभीरता को ध्यान में लेकर जिला पुलिस अधिक्षक भुजबल ने एलसीबी, सायबरल सेल समेत पुलिस के 4 टिम जांच में लगायी थी.

    यह मामला संदिग्ध होने, ठोस सुबुत न होने से पुलिस के सामने आरोपीयों का सुराग लगाने की चुनौती थी, लेकिन गुप्त जानकारी और तकनिकी जांच पडताल के दौरान पुलिस ने पुजा कावले की हत्या मामले को 72 घंटे में उजागर कर दिया.पुजा की हत्या की साजीश रचकर अपने साथीदारों के साथ उसके पति अनिल कावले ने हत्या को अंजाम दिया,यह बात पुलिस जांच में सामने आयी, जिसके बाद पुलिस ने सभी आरोपीयों को हिरासत में ले लिया है.

    पुलिस जांच पडताल के दौरान पता चला की, पुलिस ने बताया की उसका अनिल कावले से कुछ बरस पुर्व विवाह हुआ था, लेकिन पारिवारिक तौर पर अनबन होने से दोनों में तलाक की प्रक्रिया भी शुरु थी, जिससे पुजा अनिल कावले से अलग होकर अपने वाशिम जिले के मानोरा तहसील के वाईगौल में रह रही थी, कुछ समय से वह पुणे में जॉब भी कर रही थी.

    पुजा और अनिल के नाम पर पुणे में जाइँट तौर पर एक फ्लैट था,जिसे हासिल करने अनिल पुजा से एनओसी मांग रहा था, इसपर दोनों में विवाद हुआ था.इसी के चलते अनिल ने पुजा की हत्या करने की योजना बनाते हुए उसे मौत के घाट उतारा था.

    इस मामले की जांच एसपी.डा.दिलीप पाटील भुजबल, अपर पुलिस अधिक्षक डा.के.एल.धरणे के मार्गदर्शन में दारव्हा के एसडीपीओ आदित्य मिरखेलकर के नेतृत्व में एलसीबी के पुलिस निरीक्षक प्रदिप परदेशी, दिग्रस के पुलिस निरीक्षक सोनाजी आमले, एपीआय विजय रत्नपारखी, एपीआय विवेक देशमुख, सायबर सेल के एपीआय अमोल पुरी, एपीआय योगेश रंधे, यशवंत मालोदे, हवालदार गजानन डोंगरे,विशाल भगत, कविश पालेकर, कुणाल रुडे, अजय निंबोलकर, महिला पुलिस कॉन्स्टेबल रौशनी जोगलेकर,बंडु डांगे, बबलु चव्हाण, उल्हास कुरकुटे, निलेश राठोड, सुधीर पिदुरकर, सलमान शेख, महम्मद भगतवाले, किशोर झेंडेकर, प्रविण कुथे, निखिल मडसे, ने अंजाम दी.इस क्लीष्ट और चुनौती से भरे अपराध को 72 घंओं के भीतर जांच कर 4 आरोपी निष्पन्न कर अपराध उजागर करने पर पुलिस दल को एसपी भुजबल ने 25 हजार रुपए नगद पुरस्कार, जीएसटी और सी-नोट पुरस्कार घोषित किया है.