मन में अयोध्या जाने की पुकार, अभी करो सब्र से इंतजार

Loading

पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, हमारा मन अयोध्या जाने का हो रहा है. कहा गया है- गंगा  बड़ी गोदावरी, तीरथ बड़े प्रयाग, सबसे बड़ी अयोध्या जहां राम लीन्ह अवतार! तीर्थों के राजा प्रयाग से भी बड़ी महिमा अयोध्या की है. अयोध्यासप्त पुरियों में से एक है जो सरयू नदी के किनारे स्थित है.’’

हमने कहा, ‘‘हम रामलला के लिए आपकी भक्तिभावना समझ रहे हैं लेकिन अपनी आस्था को कुछ समय के लिए स्थगित रखिए क्योंकि अयोध्याकी सारी होटलों और धर्मशालाओं की प्री बुकिंग रद्द कर दी गई है इसलिए ठहरने का कोई ठिकाना नहीं मिलेगा. भव्य राममंदिर के उद्घाटन और प्राण प्रतिष्ठा के लिए सिर्फ 1 माह शेष रह गया है. जिनके पास ड्यूटी पास और रामतीर्थ ट्रस्ट का निमंत्रण पत्र रहेगा, केवल वे ही अयोध्या में रह सकेंगे. वीवीआईपी सुरक्षा को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है.’’

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, देश के करोड़ों रामभक्त इस महान और दुर्लभ आयोजन को देखने के लिए लालायित हैं. रामलला के मंदिर का उद्घाटन सदियों से चले आ रहे स्वप्न की पूर्ति होगी. हम सोच रहे हैं कि अभी से रामभरोसे अयोध्या चले जाएं और किसी जगह टिक जाएं. वहां कनक मंदिर, हनुमान गढ़ी जैसे पावन स्थान हैं. कही भी बैठकर रामनाम जपते रहेंगे.’’

हमने कहा, ‘‘ड्यूटी पास या विशेष इनविटेशन नहीं रहने से आपको वहां एंट्री नहीं मिलेगी. सुरक्षा बेहद कड़ी रहेगी इसलिए घर बैठे टीवी या सोशल मीडिया पर वहां का इवेंट देख लीजिएगा. आप अपने घर में भजन गा सकते हैं- पायोजी मैंने रामरतन धन पायो, वस्तु अमोलक दी मेरे सद्गुरु भवसागर तरपाओ. घर आए लक्ष्मण-राम पुरी में आनंद भयो. अपने शहर या मोहल्ले के राममंदिर जाकर दर्शन कर लीजिए. मन चंगा तो कठौती में गंगा!’’

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, त्रेतायुग में पुष्पक विमान में बैठकर राम, लक्ष्मण, सीता के साथ हनुमान, सुग्रीव, बिभीषण भी अयोध्या गए थे.’’

हमने कहा, ‘‘इस समय प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, कुछ अन्य केंद्रीय मंत्री, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, प्रसिद्ध संत-महात्मा, विहिप व संघ के वरीष्ठ पदाधिकारी अयोध्या जाएंगे और वहां के अनुष्ठान में शामिल होंगे. आप फुरसत के बाद में कभी अयोध्या जा सकते हैं तब तक रामलला का अपने मनमंदिर में दर्शन कीजिए. आप अभी अयोध्या नहीं जा सकते इसलिए भजन गाइए- गली तो चारों बंद हुई हैं, मैं हरि से मिलूं कैसे जाय!’’