दाऊद को पकड़ना गैरजरूरी उससे कनेक्शन के नाम पर पकड़े जाते हैं विरोधी

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, हमारे पास महाराष्ट्र कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक के प्रति सहानुभूति रखने या बीजेपी और एनसीपी की लड़ाई में जबरन अपनी नाक घुसेड़ने का कोई कारण नजर नहीं आता. मुद्दा सिर्फ अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का है. दाऊद से संबंध रखने और टेरर फंडिंग के आरोप में ईडी ने नवाब मलिक को गिरफ्तार किया है. आप तो जानते हैं कि राष्ट्रविरोधी ताकतों को बीजेपी सख्त नापसंद करती है. उसके संकेत पर सारी केंद्रीय एजेंसियां चलती हैं. इतना समझ लीजिए कि राज्य में महाविकास आघाड़ी सरकार है तो असली विकासवादी सरकार केंद्र में है, जिसके बारे में दावा किया जाता है कि देश को असली आजादी 2014 में मोदी सरकार आने से मिली. दाऊद से कनेक्शन रखने वाले लोग उसके निशाने पर हैं.’’

    हमने कहा, ‘‘जब ऐसी बात है तो सीधे-सीधे दाऊद को ही पकड़कर क्यों नहीं ले आते? प्रधानमंत्री मोदी विदेश यात्रा से लौटते समय पाकिस्तान में विमान लैंड करवाकर वहां के तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ के घर उनकी बेटी की शादी में आशीर्वाद देने गए थे. उस समय उन्होंने नवाज शरीफ से ऐसी कोई बात नहीं की थी कि मुंबई के सीरियल बम धमाकों के मास्टरमाइंड दाऊद को हमारे हवाले कर दो! शायद इसके बदले नवाज शरीफ भी भारत से अपने कुछ लोगों को रिहा करने की मांग करते. आखिर कंधार विमान अपहरण मामले में भी तो ऐसा ही लेनदेन हुआ था.’’

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, बीजेपी जैसी पुण्यात्मा पार्टी के संकल्प और इरादों पर शक मत कीजिए. एक समय गोपीनाथ मुंडे ने देश के तत्कालीन रक्षा मंत्री शरद पवार पर आरोप लगाया था कि उन्होंने दाऊद के 2 साथियों को संरक्षण देते हुए उनके साथ हवाई प्रवास किया था. मुंडे ने यह भी घोषणा की थी कि यदि हमारी सत्ता आई तो हम दाऊद को बांधकर यहां ले आएंगे. जब बीजेपी सरकार बनी तो किसी ने मुंडे से नहीं पूछा कि दाऊद को पकड़ने का उनका आश्वासन कहां हवा हो गया?’’

    हमने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने बारामती में खुद यह कहा था कि वे शरद पवार की उंगली पकड़कर राजनीति में आए हैं. सोचिए कि पवार को लेकर स्व. मुंडे और मोदी के विचार कितने अलग हैं!’’

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, भारतीय राजनीति में उठापटक के लिए दाऊद का सलामत रहना आवश्यक है. उसके नाम पर कभी भी किसी को लपेटा जा सकता है.’’