मुख्यमंत्री मोहन यादव को गदा थमाई विधायक के सिर पर टकराई

Loading

पड़ोसी ने हमसे कहा, “निशानेबाज, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव (Mohan Yadav) को बीजेपी (BJP) के चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) प्रचार के दौरान राजगढ़ में गदा भेंट की गई। चुनावरथ पर सवार मुख्यमंत्री ने गदा हाथ में लेते ही उत्साह से घुमाई तो वह पास में खड़े विधायक रामनिवास रावत के सिर से जा टकराई मुख्यमंत्री ने तुरंत डैमेज कंट्रोल करते हुए गदा किसी दूसरे को पकड़ा दिया और अपने सिर का साफा उतारकर रावत को पहना दिया ताकि कोई चोट या जख्म नजर न आने पाए। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।”

हमने कहा, “सीएम मोहन यादव को कमल का फूल भेंट करना चाहिए था जो कि पार्टी का चुनाव चिन्ह है। भारी-भरकम गदा देने की क्या आवश्यकता थी? गदा तो किसी बड़े दंगल में जीतने वाले पहलवान को दी जाती है। हिंद केसरी या महाराष्ट्र केसरी जैसा खिताब जीतने वाले मल्ल को सम्मानपूर्वक यह उपहार दिया जाता है।” 

पड़ोसी ने कहा, “निशानेबाज, चुनाव भी तो किसी दंगल से कम नहीं है। इसके अलावा मुख्यमंत्री यादव भी अखाड़े और पहलवानों के प्रेमी माने जाते हैं इसलिए उन्हें गदा देना तो ठीक था लेकिन उसे घुमाने की क्या जरूरत थी? जरा सोचिए कि नेता को तलवार या धनुष-बाण दिया जाए तो क्या वह उसे वहीं चलाएगा? ये सब प्रतीकात्मक चीजें हैं। फोटो खिंचवाने के बाद इन्हें आहिस्ता से एक तरफ रख देना चाहिए।” 

हमने कहा, “गदा को अंग्रेजी में मेस कहते हैं। हनुमानजी के हाथ में गदा रहती है। भीमसेन का शस्त्र गदा ही था। पांडवों में युधिष्ठिर भाला चलाने में निपुण थे। अर्जुन धनुर्धर थे और नकुल तलवारबाज थे। अच्छा हुआ हाथ में तलवार नहीं दिया वर्ना आज मेरी गर्दन कट जाती सहदेव युद्ध में घायल घोड़ों की चिकित्सा किया करते थे और पशु-पक्षियों की भाषा समझते थे। भीम और दुर्योधन के बीच गदायुद्ध हुआ था। दुर्योधन भारी पड़ रहा था तो भगवान कृष्ण के इशारे पर भीम ने कमर के नीचे गदा से वार कर दुर्योधन की जांघ तोड़ दी। इससे दुर्योधन को गदायुद्ध सिखाने वाले बलराम कुपित हो गए कि भीम ने नियमों का उल्लंघन क्यों किया ? कृष्ण ने किसी प्रकार बलराम को समझा-बुझाकर शांत किया। गदा लग जाए तो सिर फोड़ सकती है या
हड्डी-पसली चकनाचूर कर सकती है।”