Fear arising out of fire incidents, whether or not to travel by train

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पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, हमने ट्रेन से यात्रा का प्लान बनाया था लेकिन मध्यप्रदेश और कर्नाटक में चलती ट्रेनो में भड़की आग की घटनाओं से हम सहम गए हैं. अब आप ही बताइए कि रेलयात्रा करें या न करें?’’

हमने कहा, ‘‘आप घर बैठे स्मार्ट फोन पर वीडियो कॉल लगाकर देश-विदेश में मित्रों, हितैषियों और रिश्तेदारों से बात कर सकते हैं फिर व्यर्थ ही प्रयास करने की क्या आवश्यकता है. इस समय देश की 2 करोड़ आबादी ट्रेन में सवार रहती है. इनमें से कितने ही निरुद्देश्य यात्रा करकते होंगे. कुछ काम नहीं है तो निकल पड़े घूमने! ट्रेन यात्रा न आपका चरित्र बदल सकती है, न भाग्य. ट्रेन कैसी भी हो उसमें लिखा रहता है- ईश्वर आपकी यात्रा सफल करे. वैसे भी ट्रेन यात्रा में ईश्वर के सिवाय आपका है भी कौन? एक ही पटरी पर हमेशा चलते रहने से बोर होकर ट्रेन कभी पटरी से हट जाती है तो कभी जोश में आकर दूसरी ट्रेन से टकरा जाती है. जापान की बुलेट ट्रेन जल्दबाजी में नहीं रहती. वह पूरी बेशर्मी के साथ कई घंटे लेट चलती है. बेंगलुरु में प्लेटफार्म पर खड़ी खाली ट्रेन ने शायद अकेलेपन से तंग आकर आत्मदाह कर लिया. उसके 2 डिब्बों में अचानक आग लग गई. ग्वालियर में उदयपुर-खजुराहो ट्रेन के इंजन में लपटें उठने लगी. इसी तरह तेलंगाना एक्सप्रेस की पैन्ट्री कार में ब्रेक जाम हो जाने से छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्णा के करीब धुआं और आग की लपटें उठती दिखाई दीं. पिछले दिनों एक सिरफिरे पुलिस जवान ने ट्रेन में एके 47 से फायरिंग कर यात्रियों की जान ले ली थी. ये सारी घटनाएं संकेत दे रही है कि ट्रेन यात्रा अपनी जोखिम पर करें. पहली बीमा पॉलिसी निकाल लें तब ट्रेन में बैठें.’’

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, लोग छुट्टियों में प्रवास की योजना बनाते हैं. घूमने-फिरने से फ्रेशनेस आती है और नए अनुभव मिलते हैं. जिसे चुनाव में पार्टी का टिकट न मिले, वह ट्रेन का टिकट तो खरीद ही सकता है. ट्रेन हमें सीधे गंतव्य तक ले जाती है.’’

हमने कहा, ‘‘अच्छे अच्छे समझदार लोग भी अपनी जिंदगी का लक्ष्य या गंतव्य तय नहीं कर पाते फिर आपने कैसे अपनी प्रेमिका खोज ली. ट्रेन आपको एक से दूसरे स्थान पर लेकर भटकाती है. जीवन में स्थिरता चाहिए, भटकाव नहीं इसलिए सफर करने से पहले पुनर्विचार कर लो. घर में रहकर वंदे मातरम बोलो क्योंकि वंदे भारत जैसी शानदार ट्रेन पर शरारती लोग जहां-तहां पत्थर मारते हैं.’’