बिहार की राजनीति में धमाल, ‘पलटू चाचा’ नीतीश ने दिखा दिया कमाल

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ‘पोरिबोर्तन’ लाने की बात करती थीं लेकिन उनके पड़ोसी राज्य बिहार में अचानक परिवर्तन हो गया. घर-घर तिरंगा का आवाहन करनेवाले पीएम मोदी को नीतीश कुमार की दोरंगी चाल ने राजनीतिक मात दे दी. स्वतंत्रता दिवस आने के पहले ही बिहार बीजेपी से स्वतंत्र हो गया.’’ 

    हमने कहा, ‘‘इसमें कोई शक नहीं कि नीतीश कुमार ने मौके पर चौका मार लिया और मोदी-शाह देखते रह गए. बड़ी चपलता के साथ नीतीश ने पलटी मार दी. उनकी इस कला को देखकर ही तेजस्वी यादव उन्हें ‘पलटू चाचा’ कहते आए हैं. राजनीतिक शतरंज के चेस बोर्ड पर नीतीश ने किसी ग्रैंडमास्टर की तरह बीजेपी को मात दी है.’’ 

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, नाते जोड़े जाते हैं तो तोड़े भी जाते हैं. नीतीश कुमार ने दूसरी बार जगमगाती बीजेपी से रिश्ता तोड़ा है और फिर लालू की टिमटिमाती लालटेन वाली पार्टी राष्ट्रीय जनता दल से संबंध जोड़ा है. बदलते हुए साथी वाली इस ढुलमुल राजनीति के बावजूद जदयू नेता-कार्यकर्ता नारे लगाते हैं- बिहार में बहार है, नीतीश कुमार है.’’ 

    हमने कहा, ‘‘नीतीश पहले ही बीजेपी को अपना रंग दिखा रहे थे. उन्होंने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिए जाने पर केंद्र की आलोचना की थी. जातिगत जनगणना के मुद्दे पर बीजेपी के खिलाफ जाकर राजनीतिक दलों को सक्रिय किया था. इसके अलावा नीतीश ने सार्वजनिक रूप से मोदी सरकार की अग्निपथ योजना की भी कड़ी आलोचना की थी. वे बीजेपी का एहसान नहीं मानते थे जिसने अपनी 74 सीटें होने के बावजूद सिर्फ 43 सीटों वाले जदयू नेता नीतीश कुमार को सीएम बनाने की दरियादिली दिखाई थी.’’ 

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, मामला इतना आसान नहीं है. एक समय नीतीश के निकट सहयोगी रहे आरसीपी सिंह ने बीजेपी के उकसाने पर कहा था कि जदयू डूबता हुआ जहाज है और नीतीश कुमार 7 जन्मों में भी प्रधानमंत्री नहीं बन सकते. बीजेपी अपनी चाल चल पाती, इससे पहले ही नीतीश ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. अब वह जदयू-राजद गठबंधन की नई सरकार के सीएम बनेंगे. इस तरह राजनीति में मच गया धमाल, यह है पलटू चाचा का कमाल!’’