इटली में वापस आया डब्बाफोन, यहां खरीदना चाहेगा कौन

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पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, कहते हैं समय खुद को दोहराता है। कभी पुरानी चीजों की चाहत बढ़ती है तो कभी पुराना फैशन फिर लौट कर आ जाता है। इसीलिए कहा गया है- ओल्ड इज गोल्ड! जो जूना वो सोना!’’ 

हमने कहा, ‘‘जगत परिवर्तनशील है। तीर-तलवार की जगह मिसाइल आ गए। फिल्म वाले कैमरे की बजाय मोबाइल फोन से फोटो खींचे जाने लगे। पेट्रोल-डीजल को छोड़ लोग ई-वाहन खरीदने लगे हैं। वीसीआर और कंम्प्यूटर सीडी चलन से बाहर हो गए। हैंड कंपोजिंग, मोनो टाइप लाइनोटाइप मशीनें कबाड़ में चली गईं। ट्रेडल और रोटरी मशीन को आज कोई नहीं जानता। आफसेट कलर प्रिंटिंग मशीन से पत्र पत्रिकाओं की सुंदर छपाई होती है। पहले हमारे बड़े नेता विदेश यात्रा करके लौट आते थे बाद में उनकी तस्वीरें ब्लाक बनाकर छापी जाती थी। आज लैंडलाइन फोन और पीसीओ कहां दिखाई देते हैं?’’

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, इटली के मिलान शहर में डिजाइन वीक के दौरान जेन-जेड अर्थात 12 से 27 वर्ष तक की उम्रवालों के लिए ‘बोरिंग’ फोन पेश किया गया। यह वैसा फोन था जिसे मोटोरोला ने 1973 में लांच किया था। इस पुराने किस्म के रेट्रो फोन को दक्षिण कोरिया के युवाओं ने भी पसंद किया। इस बेसिक फोन में कोई ऐप या मैप नहीं है। सिर्फ आपस में बात की जा सकती है।’’
 
हमने कहा, ‘‘नया से नया विभिन्न फीचर्सवाला आई फोन खरीदने की इच्छा रखनेवाले उस ‘डब्बा फोन’ को क्यों पसंद करेंगे? आज गरीब से गरीब आदमी भी बेसिक फोन रखना पसंद नहीं करता।’’ 

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, लोग जब किसी चीज से ऊब जाते है तो बदलाव चाहते हैं। कोई हैरत की बात नहीं कि अब्बा के वक्त के डब्बा फोन का प्रचलन फिर से बढ़ जाए।’’