पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, अत्यंत विस्मयजनक है कि मौत के मुंह में जाकर भी कुछ लोग किस्मत से बाल-बाल बच जाते हैं. दक्षिण अमेरिका के कोलंबिया के अमेजन जंगल में एक विमान दुर्घटना हुई. इसमें पायलट, एक नेता तथा एक महिला की मौत हो गई लेकिन उस महिला के 4 बच्चे चमत्कारिक रूप से जीवित बच गए. अमेजन का यह जंगल 2600 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में व्याप्त, अत्यंत घना और खतरों से भरा है. यह प्राकृतिक वर्षावन या रेन फॉरेस्ट है जिसमें घुसने की लोग हिम्मत नहीं करते क्योंकि वहां दिन में भी अंधेरा छाया रहता है और सांप, अजगर के अलावा जगुआर जैसे हिंसक वन्य प्राणी बहुतायत में रहते है. वहां जाने के बाद शायद ही कोई जिंदा वापस आता है. ऐसी हालात में 4 बच्चे 40 दिनों तक जीवित रहें. ये बच्चे 13, 9, 4 व 1 वर्ष आयु के हैं. हर कोई मानकर चल रहा था कि विमान दुर्घटना के बाद कोई जीवित नहीं बचा होगा लेकिन सेना और स्वयंसेवकों के समूह ने धैर्य व साहस के साथ अपनी तलाशी मुहिम जारी रखी. आखिर 40 दिनों की खोज के बाद चारों बच्चे जीवित मिले. सभी दुबले और कमजोर हो गए थे. 12 माह के शिशु का जीवित मिलना किसी चमत्कार से कम नहीं है.’’ हमने कहा, ‘‘खोजी दल को बच्चों के उपयोग की कुछ वस्तुएं जैसे पीने के पानी की बोतल, कैंची, हेयर क्लिप मिले थे और कदमों के निशान भी नजर आए जिससे उम्मीद बंध गई कि बच्चे जीवित हो सकते हैं.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज ये बच्चे हुईटोटी नामक स्थानीय जमाति के हैं जिन्हें जंगल में जीवित रहने का परंपरागत कौशल आता है. उन्हें जंगल में उपलब्ध फलों की जानकारी है. न उनके पास भोजन था न पीने को पानी लेकिन फिर भी वे अत्यंत संघर्षपूर्ण परिस्थिति में जीवित रहे. उन्होंने हिम्मत और मनोबल कायम रखकर 40 दिन बिताए. बच्चों के दादा ने कहा कि वन देवी की कृपा से बच्चे जिंदा रहे. इन्हें ‘चिल्ड्रन आफ कोलंबिया’ कहा गया. कोलंबिया की राजधानी बोगोटा ले जाकर अस्पताल में उनकी देखभाल की जा रही है. इसे देखते हुए कहना होगा- जाको राखे साइयां मार सके ना कोय, बाल न बांका कर सके जो जग बैरी होय.’’