वैक्सीन सर्टिफिकेट से हटी मोदी की तस्वीर, चाहनेवाले हो रहे इससे अधीर

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पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, कोविड-19 वैक्सीन के सर्टिफिकेट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर हटा दी गई है। इससे हमें बहुत बुरा लगा। परोपकारी पीएम ने देशवासियों को मुफ्त में वैक्सीन की डोज लगवाई फिर बूस्टर भी दिलवाया। हम उस सर्टिफिकेट को बड़ी श्रद्धा के साथ अपने मोबाइल पर देखते थे। पीएम के फोटो के बगैर वह सर्टिफिकेट सूना-सूना लग रहा है।’’
 
हमने कहा, ‘‘मोदी की छवि हर बीजेपी नेता-कार्यकर्ता के हृदय पटल पर अंकित है। आपने शेर सुना होगा- जब जरा गर्दन झुकाई- देख ली तस्वीर-ए-यार! आप अपने मन की गहराइयों में मन की बात कहनेवाले मोदी की मोहिनी मूरत देख लीजिए। क्या आपको पता नहीं कि भक्त कवि सूरदास ने मन की आंखों से कान्हा को देखा था और सुंदर पदों की रचना की थी।’’ 

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, ऐसी कौन सी वजह है कि पीएम की तस्वीर हटा दी गई? क्या एस्ट्राजेनेका द्वारा यूके की अदालत में वैक्सीन के साइड इफेक्ट की बात कबूल करने के बाद स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने यह फोटो हटा दी?’’ 

हमने कहा, ‘‘मंत्रालय ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता लागू होने की वजह से सर्टिफिकेट से मोदी की तस्वीर हटा दी गई है। चुनाव पूरा हो जाने तक आपको सर्टिफिकेट पर मोदी दर्शन नहीं होंगे। तब तक आप रुपयों के नोटों पर गांधी दर्शन करते रहिए।’’

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, तस्वीर का महत्व समझने की कोशिश कीजिए। आपने तलत महमूद की मखमली आवाज में गीत सुना होगा- तस्वीर बनाता हूं, तस्वीर नहीं बनती, हाय तस्वीर नहीं बनती। मोहम्मद रफी ने भी गाया था- तस्वीर बनाता हूं तेरी खूनेजिगर से, देखा है तुझे मैंने मोहब्बत की नजर से!’’ 

हमने कहा, ‘‘मोहब्बत की बात करना है तो राहुल गांधी के पास जाइए जो काफी समय से नफरत के बाजार में मोहब्बत की दूकान चला रहे हैं। यह कुछ वैसा ही अनोखा काम है जैसे सरदारों के मोहल्ले में नाई की दूकान खोलना।’’

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, आप कोई भी दलील दें लेकिन अखबारों में रोज छप रही मोदी की तस्वीर पर तो कोई रोक नहीं है। हम गारंटी के साथ वहीं पीएम की छवि देख लिया करेंगे।’’