nishanebaaz-Doubts about PM Modi's degree, Arvind Kejriwal is futile

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पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, हम समझते हैं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री व ‘आप’ नेता अरविंद केजरीवाल ने व्यर्थ ही प्रधानमंत्री मोदी की शैक्षणिक योग्यता का मुद्दा उठाते हुए उनकी डिग्री के बारे में पूछताछ की. किसी की एजुकेशनल क्वालिफिकेशन उसका व्यक्तिगत मामला है इसमें दूसरे को दिलचस्पी क्यों होनी चाहिए? गुजरात हाईकोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग के 2016 के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें गुजरात विश्वविद्यालय को प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री के बारे में जानकारी देने को कहा गया था.’’

हमने कहा, ‘‘शासक को सबसे बड़ी योग्यता उसका शासनकर्ता होना है. बादशाह अकबर को पढ़ना-लिखना नहीं आता था फिर भी अकबर दि ग्रेट कहलाया. उसके नवरत्न राजकाज में उसकी मदद करते थे. व्यावहारिक राजनीति या प्रैक्टिकल पॉलिटिक्स की पढ़ाई किसी विश्वविद्यालय में नहीं होती. नेता अनुभव से सब कुछ सीख जाता है. आज बड़ी-बड़ी डिग्रियां लेकर भी लोग बेरोजगार घूम रहे हैं. चपरासी की नौकरी के लिए पीएचडी वाला भी एप्लाई करता है इसलिए डिग्री की बात करना बेमतलब है.’’

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, ऐसे में केजरीवाल की जिज्ञासा का क्या होगा? उनका कहना है कि लोकतंत्र में नागरिकों को सूचना प्राप्त करने की आजादी होनी चाहिए. केजरीवाल जानना चाहते हैं कि क्या प्रधानमंत्री को वाकई गुजरात और दिल्ली विश्वविद्यालयों से डिग्री मिली थी. यदि ऐसा है तो राष्ट्र को क्यों नहीं बताया जाता? केजरीवाल ने खुद इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि या तो डिग्री के बारे में बताने में पीएम का अहंकार आड़े आ रहा है या फिर उनकी डिग्री नकली है.’’

हमने कहा, ‘‘केजरीवाल को करारा जवाब देते हुए बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ‘पढ़े’ हो सकते हैं लेकिन ‘लिखे’ नहीं. वो सारी फाइलें पढ़ते हैं लेकिन किसी पर दस्तखत नहीं करते. वे जानबूझकर कोई विभाग अपने पास नहीं रखते. वे सिसोदिया और जैन जैसे लोगों से काम कराते हैं ताकि यदि जांच हो तो ये लोग फंस जाएं.’’

हमने कहा, ‘‘पढ़ाई को लेकर संत कबीरदास ने सदियों पहले कहा था- पोथी पढ़-पढ़ जग मुआ, भया न पंडित कोय, ढाई आखर प्रेम का पढ़े सो पंडित होय. मोदी को देश के गरीबों, दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों का प्रेम हासिल है. वे इसे अपना सबसे बड़ा और मजबूत रक्षा कवच बताते हैं. केजरीवाल पीएम की डिग्री को लेकर शंका पाले हुए हैं जबकि सरकार पर अपनी मजबूत पकड़ के साथ मोदी पूरी तरह से निशंक हैं.’’