nishanebaaz Hyderabad, Ahmedabad, we have to give praise, we are the most populous

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पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, आनेवाले कुछ वर्षों में आबादी के लिहाज से भरात चीन को पीछे छोड़ देगा. हम विश्व की सबसे बड़ी जनसंख्या वाले राष्ट्र बन जाएंगे. आजादी के समय हम 40 करोड़ थे, अब हम 130 करोड़ के आसपास हैं. रूस और यूक्रेन लड़-लड़ कर बरबाद हो रहे हैं लेकिन हम आबाद हो रहे हैं. आबाद तो होना ही है क्योंकि हमारे यहां अहमदाबाद, हैदराबाद, उस्मानाबाद, जहांनाबाद, फरीदाबाद, गाजियाबाद, मुजफ्फराबाद जैसे कितने ही शहर हैं.’’

हमने कहा, ‘‘कोरोना की वजह से 2021 में जनगणना नहीं हो पाई जो कि हर 10 वर्ष बाद होती है फिर भी जान लीजिए कि भारत में हर मिनट आस्ट्रेलिया की कुल आबादी के बराबर बच्चे जन्म लेते हैं.’’

पड़ोसी ने कहा, ‘‘आबादी बढ़ने की चिंता जो लोग नहीं करते, वे समझाने पर भी कहते हैं कि ऊपरवाले ने जब खाने को एक मुंह दिया है तो कमाने के लिए 2 हाथ भी दिए हैं. जिसने औलाद दी है, वही संभालेगा. ऐसे लोग जनसंख्या वृद्धि के खतरे को नहीं समझते. अमेरिका में 50 वर्ष पहले 22 करोड़ की आबादी थी. इतने साल बाद वे सिर्फ 32 करोड़ तक पहुंचे हैं. हमारे देश में जनगणना तो होती है लेकिन जनसंख्या नीति का अभाव है. इसी कारण हमारे यहां इतनी बेरोजगारी है. 80 करोड़ से ज्यादा गरीब हैं जिन्हें सरकार मुफ्त अनाज देती है.’’

हमने कहा, ‘‘चीन ने अपने यहां ‘एक परिवार एक बच्चा’ नीति लागू की तो आबादी घटने लगी. हमारा देश लोकतांत्रिक है. यहां जोरजबरदस्ती नहीं की जा सकती. स्व. संजय गांधी ने दिल्ली के तुर्कमान गेट इलाके में जबरन नसबंदी आपरेशन कराए थे तो इसे इमरजेंसी के अत्याचार का नाम दिया गया था. हम आज भी कहते हैं कि तेजी से विकास करना हो तथा जहालत और गरीबी से छुटकारा पाना हो तो छोटा परिवार सुखी परिवार रखना चाहिए.’’

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज वोट बैंक की राजनीति देखते हुए भी जबरदस्ती नहीं की जाती. यूपी की आबादी सबसे बड़ी है. इसीलिए वही से देश को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री मिले हैं. एक रचनात्मक पहलू यह भी है कि विश्व के तमाम देशों की तुलना में भारत में सबसे ज्यादा युवा शक्ति है. नीतियां सही हों तो हमारे करोड़ों जवान देश को हर क्षेत्र में तरक्की की मंजिल पर ले जाएंगे और दुनिया देखती रह जाएगी.’’