nishanebaaz If you leave the opposition and adopt saffron, then you will keep looking for stains

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पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के तेलंगाना दौरे के समय हैदराबाद में होर्डिंग लगाए गए जिनमें एक वाशिंग पाउडर के साथ उन नेताओं के नाम लिखे गए हैं जो अन्य पार्टियों को छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं. इनमें हिंमत बिस्वा सरमा, नारायण राणे, सुबेंदु अधिकारी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, अरुण खोतकर, ईश्वरप्पा, निरुपाक्षप्पा, सुजाता चौधरी के नाम हैं और होर्डिंग के नीचे वेलकम टु अमित शाह लिखा हुआ है. हमें समझ में नहीं आता कि वाशिंग पाउडर का नेताओं के नाम से क्या संबंध है?’’

हमने कहा, ‘‘आप जानकर भी अनजान मत बनिए. इन नेताओं के खिलाफ ईडी और सीबीआई जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों ने मामले तैयार कर रखे थे लेकिन जब यह नेता अपनी मूल पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए तो इनके खिलाफ जांच की फाइलें ठंडे बस्ते में डाल दी गईं. क्या यह पक्षपात नहीं है? विपक्ष में रहोगे तो जांच एजेंसियां नाक में दम कर देंगी और बीजेपी की शरण में आ जाओ तोअभयदान मिल जाएगा.’’

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज हमारे शास्त्रों में पाप के प्रायश्चित का विधान है. लोग गंगा में डुबकी लगाकर, तीर्थों में जाकर अपने पाप धो डालते हैं. विपक्ष के कुछ नेताओं का अंतर्मन कहता है कि रंगों के बीच सबसे सुंदर और श्रेष्ठ रंग यदि कोई है तो भगवा, सबसे भव्य और जानदार पार्टी कोई है तो भाजपा. सबसे उत्तम जपने लायक कोई मन है तो ‘नमो’. ऐसी प्रेरणा होने पर वे सीधे बीजेपी में चले जाते हैं. जिनमें ऐसा विवेक या आत्मज्ञान नहीं है वे विपक्ष के भंवर में ही अटके रह जाते हैं. पूर्वोत्तर राज्यों की ओर देखिए जो ईसाई आबादी वाले हैं लेकिन फिर भी हिंदुत्ववाली बीजेपी से प्रेम रखते हैं. नगालैंड में तो पूरा विपक्ष बीजेपी की छत्र छाया में आ गया. वहां अपोजीशन का नामोनिशान भी नहीं रहा.’’

हमने कहा, ‘‘जो बीजेपी में शामिल हो जाए उसे जांच एजेंसियों के कोप से मुक्ति मिल जाती है. उसे वैसा ही अभेद्य कवच मिल जाता हैं जैसा महाभारत में कर्ण को मिला हुआ था. बीजेपी रूपी पारस के स्पर्श से उस नेता के मुखमंडल पर स्वर्णकांति नजर आने लगती है. उसे मुख्यमंत्री या केंद्रीय मंत्री की पोस्ट मिल जाती है. ऐसा मानकर चलिए कि जो नमो को भजे, वो परमपद पाएगा!’’